सैंपल लेते हुआ था पाजिटिव, काढ़ा पीकर किया निगेटिव
सैंपलिग के दौरान संक्रमित हुए जिला महिला अस्पताल के लैब टेक्नीशियन अक्षय भार्गव ने काढ़ा पीकर और योग कर कोरोना को हरा दिया। संक्रमित हुए तो बिना घबराए होम आइसोलेट होकर अक्षय ने सेल्फ मेडिटेशन का सहारा लिया और एक सप्ताह में ही कोरोना की जकड़ से अपने को बाहर निकाल लिया।
जेएनएन, मुजफ्फरनगर। सैंपलिग के दौरान संक्रमित हुए जिला महिला अस्पताल के लैब टेक्नीशियन अक्षय भार्गव ने काढ़ा पीकर और योग कर कोरोना को हरा दिया। संक्रमित हुए तो बिना घबराए होम आइसोलेट होकर अक्षय ने सेल्फ मेडिटेशन का सहारा लिया और एक सप्ताह में ही कोरोना की जकड़ से अपने को बाहर निकाल लिया।
जिला महिला अस्पताल में एक के बाद एक 40 से अधिक चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टाफ तथा अन्य लोग संक्रमित पाए गए थे। अस्पताल प्रशासन को उन हालात में एक लंबी जंग लड़नी पड़ी। उसी दौर में अस्पताल के लैब टेक्नीशियन अक्षय भार्गव भी संक्रमित हो गए। अक्षय बताते हैं कि वह ओपीडी तथा इमरजेंसी में आने वाली महिला मरीजों के सैंपल लेते हैं। कभी-कभी उन्हें वीआइपी काल पर आशंकित कोविड मरीजों के घर भी सैंपल लेने के लिए जाना पड़ता है। बताया कि हलका बुखार और नजला होने पर उन्होंने 17 अप्रैल को टेस्ट कराया तो वह कोविड-19 पाजिटिव पाए गए। बताया कि होम आइसोलेट होकर उन्होंने अपना उपचार शुरू किया। सरकारी दवा खानी शुरू की। इसके साथ ही नियमित रूप से काढ़ा का सेवन किया। दोस्तों की सलाह पर सुबह-शाम योग अभ्यास किया। मन को शांत रखने के लिए मेडिटेशन का सहारा लिया। अक्षय भार्गव ने बताया कि कोरोना में सर्वाधिक जरूरी मन की दृढ़ता है। बताया कि शरीर से बीमारी को निकालने के लिए दवा ली जा सकती है। काढ़ा भी कारगर है, लेकिन मन से इस बीमारी का खौफ निकालने के लिए जरूरी है कि योग किया जाए तथा मेडिटेशन का सहारा लिया जाए।