शादी के लिए अफसरों को दिव्यांगों तलाश
दिव्यांगजनों की शादी पर प्रदेश सरकार की ओर से अनुदान दिया जाता है लेकिन जनपद में शादी के लिए दिव्यांग नहीं मिल रहे हैं। जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी कार्यालय में इस वर्ष केवल चार आवेदन आए हैं जबकि शासन से 18 शादियों का लक्ष्य मिला है।
मुजफ्फरनगर, जेएनएन। दिव्यांगजनों की शादी पर प्रदेश सरकार की ओर से अनुदान दिया जाता है, लेकिन जनपद में शादी के लिए दिव्यांग नहीं मिल रहे हैं। जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी कार्यालय में इस वर्ष केवल चार आवेदन आए हैं, जबकि शासन से 18 शादियों का लक्ष्य मिला है।
दिव्यांगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए शासन से कई योजनाएं संचालित की हैं। इनमें से दिव्यांगों की शादी अनुदान योजना भी है। जिसके चलते दिव्यांगों को आर्थिक सहायता दी जाती है। युवक के दिव्यांग होने पर 15 हजार रुपये और युवती के दिव्यांग होने पर 20 हजार रुपये दिए जाते हैं। इसके साथ ही दोनों के दिव्यांग होने की दशा में 35 हजार रुपये देने का प्रावधान है। योजना का लाभ लेने के लिए पात्रों को जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी के कार्यालय में आवेदन करना होता है। आनलाइन और आफलाइन किसी भी माध्यम से पात्र आवेदन कर सकते हैं। शासन की ओर से इस वर्ष 18 शादियों का लक्ष्य दिया गया है, लेकिन अभी तक केवल चार आवेदन ही आए हैं। इनमें से तीन आवेदन में युवक व युवती दोनों दिव्यांग हैं और एक अन्य आवेदन में युवती दिव्यांग है। लक्ष्य के लिए अधिकारी और कर्मचारी प्रधानों समेत गांव के गणमान्य लोगों से संपर्क कर रहे हैं।
सीडीओ आलोक यादव ने बताया कि दिव्यांगजनों की शादी के लिए आवेदन मांगे जा रहे हैं। यूपी का कोई भी दिव्यांग, जो बालिग हो आवेदन कर सकता है। आवेदन के साथ सक्षम चिकित्साधिकारी की ओर से जारी दिव्यांगता का प्रमाणपत्र देना होगा। अनुदान की धनराशि सीधे पात्रों के बैंक खाते में जाएगी। पात्र आनइलान के साथ ही विकास भवन में स्थित जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी के कार्यालय में भी आवेदन कर सकते हैं।