हाईवे पर चक्का जाम, लड़खड़ाई यातायात व्यवस्था
भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) ने कृषि कानून वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग को लेकर शुक्रवार को दिल्ली-देहरादून राष्ट्रीय राजमार्ग पर चक्का जाम किया। यहां भैंसी कट पर धरना देकर नारेबाजी की। किसानों के धरने से राष्ट्रीय राजमार्ग की रफ्तार थम गई। सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी लाइन लग गयी।
जेएनएन, मुजफ्फरनगर। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) ने कृषि कानून वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग को लेकर शुक्रवार को दिल्ली-देहरादून राष्ट्रीय राजमार्ग पर चक्का जाम किया। यहां भैंसी कट पर धरना देकर नारेबाजी की। किसानों के धरने से राष्ट्रीय राजमार्ग की रफ्तार थम गई। सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी लाइन लग गयी।
भाकियू के मंडल महासचिव राजू अहलावत के नेतृत्व में भाकियू कार्यकर्ताओं ने सुबह 11 बजे दिल्ली-देहरादून राष्ट्रीय राजमार्ग पर चक्का जाम किया। भैंसी कट के निकट राष्ट्रीय राजमार्ग के बीच में ट्रैक्टर-ट्रालियां और वाहन खड़े कर दिए। राजू अहलावत ने कहा कि कृषि विधेयक से किसानों का उत्पीड़न होगा। यह कानून किसानों के हित में नहीं है। केंद्र सरकार मनमाने रवैये पर अड़ी है। चार माह से किसान आंदोलन कर रहा है। सरकार को किसानों की फिक्र नहीं है। किसान अपना हक मांग रहा है। सरकार को उनकी बात सुननी चाहिए। एसडीएम इंद्राकांत द्विवेदी, सीओ आशीष प्रताप सिंह, इंस्पेक्टर खतौली एचएन सिंह व इंस्पेक्टर मंसूरपुर केपी सिंह ने धरना खत्म करने का आग्रह किया। दोपहर चार बजे धरना खत्म हुआ। इसके बाद ही यातायात बहाल हो सका। इस मौके पर चंद्रवीर सिंह, कपिल सोम, मनोज सहरावत, सतेंद्र चौहान, सुनील प्रधान, प्रभात सैनी, परवेंद्र डाका, अंकित राठी, विकास बालियान, दुष्यंत शर्मा, विदेश मोतला, गुलाब सिंह, खड़क सिंह, जुल्फकार आदि मौजूद रहे। संचालन परवेंद्र डाका ने किया।
महिलाओं व बच्चों ने पैदल नापी सड़क
भाकियू के चक्का जाम में पुलिस सुस्त नजर आई। यातायात व्यवस्था को लेकर कोई योजना नहीं बनाई गई। चक्का जाम होने पर वाहनों की रफ्तार थमने से यातायात का दबाव बढ़ा तो पुलिसकर्मियों को गंग नहर, जानसठ तिराहा व बुढ़ाना तिराहा पर तैनात किया गया। दिल्ली-दून मार्ग पर जाने वाले यातायात को जानसठ तिराहा, बुढ़ाना तिराहा, सफेदा रोड से निकाला गया। इसके अलावा अधिकतर वाहन फ्लाइ ओवर से होते हुए मीरापुर, जानसठ वाया सिखेड़ा मुजफ्फरनगर भेजा गया। इसी तरह मेरठ जाने वाले वाहनों को फलावदा, मवाना, रामराज से निकाला गया। रोडवेज की कुछ ही बसें कस्बे में पहुंच सकीं। यात्री बसों से राष्ट्रीय राजमार्ग पर ही उतर गए। कस्बे और हाईवे से सटे गांवों के यात्री पैदल ही अपने सफर पर निकल पड़े। महिला और बच्चों को पैदल गंतव्य तक पहुंचना पड़ा। एंबुलेंस व सैन्य वाहन निकाले
जाम के बीच मरीजों को लेकर एंबुलेंस पहुंची तो कार्यकर्ताओं ने उनके लिए ट्रैक्टर-ट्राली को हटाया। वहीं, सैन्य वाहनों को भी निकलवाया गया। उनके अलावा अन्य लोगों वाहनों को निकालने का प्रयास किया तो कार्यकर्ता की झड़प हुई।