आसनों की सही मुद्राओं को समझाया..योगाभ्यास भी कराया
समझाया जागरण संवाददाता खतौली योग भवन बड़ा बाजार में आयोजित कार्यक्रम में भारतीय योग संस्थान के राष्ट्रीय मंत्री राय सिंह चौहान ने विभिन्न आसानों की सही मुद्राओं को समझाया। उन्होंने कहा
मुजफ्फरनगर, जेएनएन। योग भवन, बड़ा बाजार में आयोजित कार्यक्रम में भारतीय योग संस्थान के राष्ट्रीय मंत्री रायसिंह चौहान ने विभिन्न आसानों की सही मुद्राओं को समझाया। उन्होंने कहा कि मुद्रा के अभाव में मनुष्य अपने मस्तिष्क का पूर्ण उपयोग नहीं कर पाता।
राष्ट्रीय मंत्री राय सिंह चौहान ने कहा कि संस्कृत शब्द मुद्रा का अर्थ भाव-भंगिमा है। इनका उद्देश्य व्यक्ति की प्राण शक्ति को ब्रह्मांणीय प्राण शक्ति के साथ जोड़ना है। मुद्राएं सक्षम शारीरिक गतियों का संयोजन है, जो मनोवृत्ति, मनोदशा, सहज बोध में परिवर्तन लाती है। हस्त मुद्राओं, मन मुद्राओं, काया मुद्राओं, बंध मुद्राओं, आधार मुद्राओं विस्तार से वर्णन किया। उन्होंने कहा कि अश्वनी मुद्रा, सहजोली मुद्रा, सिर और हाथ से संबंधित मुद्राओं के अपेक्षाकृत अधिक संख्या में होना इसी बात का संकेत है कि इनमें मस्तिष्क का 50 प्रतिशत हिस्सा व्यस्त रहता है। भारतीय योग संस्थान के दिल्ली प्रदेश के उप प्रधान योगेश शर्मा ने कहा षट, कर्म शुद्धि क्रियाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि जब चर्बी या कफ की अधिकता हो जाए तो प्राणायाम का अभ्यास शुरू करने से पूर्व षट कर्मों का अभ्यास करना चाहिए। उन्होंने नेती, धोती, नोली, वस्ति कपाल भांति, तृाटक का महत्व बताते हुए शरीर को स्वस्थ व निरोग बनाने के टिप्स दिए। कार्यक्रम का संचालन प्रांतीय प्रधान निर्मल कुमार जैन ने किया। कार्यक्रम के आयोजन में क्षेत्रीय प्रधान बाबूराम का विशेष सहयोग रहा।