पीड़ितों की सांस बचा रही तीमारदारी..दिन-रात सेवा
बीमारी में दवा दुआ के साथ देखभाल का सबसे अहम किरदार होता है। पीड़ित व्यक्ति को राहत पहुंचाना भी तीमारदारी में शामिल है। जिले का एक युवा इसे बखूबी निभा रहा है। वह आक्सीजन सिलेंडर के अलावा दवाओं के माध्यम से लोगों की सेवा में जुटा है। अब तक 10 से अधिक लोगों को आक्सीजन सिलेंडर मुहैया करा चुका है जिससे पीड़ित लोगों की सांस बचाने में मदद मिली है।
जेएनएन, मुजफ्फरनगर। बीमारी में दवा, दुआ के साथ देखभाल का सबसे अहम किरदार होता है। पीड़ित व्यक्ति को राहत पहुंचाना भी तीमारदारी में शामिल है। जिले का एक युवा इसे बखूबी निभा रहा है। वह आक्सीजन सिलेंडर के अलावा दवाओं के माध्यम से लोगों की सेवा में जुटा है। अब तक 10 से अधिक लोगों को आक्सीजन सिलेंडर मुहैया करा चुका है, जिससे पीड़ित लोगों की सांस बचाने में मदद मिली है।
शहर की अंबा विहार कालोनी निवासी अताउर्रहमान पुत्र मोहम्मद अनवर यूं तो समाजवादी पार्टी से जुड़े हैं। आपदा के इस काल में सियासत को मायने नहीं रखती है, वह पहले इंसानियत का फर्ज पूरा कर रहे हैं। वह बताते हैं कि आसपास के लोग बीमार पड़े तो उनके स्वजन आक्सीजन सिलेंडर, दवा के लिए भटकते रहे। इसके साथ ही गांव-देहात के परिचित भी समस्या से जूझते रहे। यह सब देखा नहीं गया। इसके बाद उन्होंने स्वत: मदद करने की ठान ली। अताउर्रहमान कहते हैं कि उनकी सेवा भी एक तीमारदारी है। वह कई बार आइटीआइ पर आक्सीजन सिलेंडर लेने के लिए लाइन में लगे हैं। इसके अलावा रुड़की के मंगलौर, मेरठ के परतापुर से जाकर भी आक्सीजन सिलेंडर लेकर आए हैं, जिससे लोगों का भला हो सके।
देखभाल में जुट गया पूरा परिवार
भूड़ देहात गांव पर स्वजन बीमार पड़ा तो पूरा परिवार देखभाल में जुट गया। गांव निवासी शहजाद दिल्ली में कबाड़ का कार्य करता है। वहां किसी माध्यम से उसे संक्रमण ने जकड़ लिया। दिल्ली अस्पताल में भर्ती होने के बाद उसकी छुट्टी की गई। गांव पहुंचा तो उसको अलग कमरे में आइसोलेट किया गया। यहां उसकी पत्नी, भाई और भतीजे सेवा में दिन-रात खड़े हो गए। करीब एक सप्ताह की मेहनत रंग लाई और शहजाद स्वास्थ्य हो गया। उसकी जांच कराई गई तो वह निगेटिव एवं पूर्ण रूप से बेहतर पाया गया।