कोविड अस्पताल में तीमारदार को बंधक बनाया
प्रशासन की तमाम गाइड लाइन और चेतावनी के बाद भी निजी कोविड अस्पताल संचालक सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। शहर के हार्ट केयर कोविड हास्पिटल में रुपये नहीं देने पर एक मरीज के तीमारदार को बंधक बना लिया। सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने उसे मुक्त कराया और मरीज को दूसरे अस्पताल में भिजवाया।
जेएनएन, मुजफ्फरनगर। प्रशासन की तमाम गाइड लाइन और चेतावनी के बाद भी निजी कोविड अस्पताल संचालक सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। शहर के हार्ट केयर कोविड हास्पिटल में रुपये नहीं देने पर एक मरीज के तीमारदार को बंधक बना लिया। सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने उसे मुक्त कराया और मरीज को दूसरे अस्पताल में भिजवाया।
नई मंडी कोतवाली क्षेत्र के गांधी नगर मोहल्ला निवासी योगेश शर्मा सहकारी समिति में सचिव के पद पर कार्यरत हैं। योगेश का भतीजा रविकांत भी सहकारी समिति में एकाउंटेंट है। रविकांत को कोरोना होने पर उन्होंने उसे पांच मई को आर्यपुरी स्थित हार्ट केयर कोविड अस्पताल में भर्ती कराया था। योगेश का आरोप है कि भतीजे को एडमिट कराते समय ही अस्पताल प्रबंधन ने उससे दो लाख रुपये एडवांस जमा करा लिए। 15 दिन से उसके भतीजे से उसे न तो मिलने दिया गया और न ही उसकी तबीयत के बारे में बताया गया। आरोप है कि गुरुवार को अस्पताल से डाक्टर का फोन आया कि उनके मरीज की हालत काफी खराब है। उसे अन्य अस्तपाल में भर्ती कराया जाएगा। आरोप है कि वह अस्पताल में अपने भतीजे को लेने पहुंचा तो डाक्टर ने मरीज को ले जाने से पहले उसके हाथ में 4.42 लाख रुपये का बिल थमा दिया। दो लाख रुपए एडवांस काटने के बाद उससे 2.42 लाख रुपये की मांग की गयी। पैसे जमा होने के बाद ही मरीज को उनके साथ भेजने के लिए कहा गया। आरोप है कि उसने इतने पैसे देने से इन्कार किया तो उसे अस्पताल में बंधक बनाकर बैठा लिया गया। सचिव ने इस संबंध में अपने अधिकारियों को अवगत कराया। सिटी मजिस्ट्रेट अभिषेक सिंह व शहर कोतवाल योगेश शर्मा को जानकारी दी गयी। अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद हास्पिटल के डाक्टरों ने बकाया पैसा छोडते हुए मरीज को अन्य अस्पताल में जाने दिया।
इनका कहना है..
कोविड हास्पिटल में मरीज को डिस्चार्ज कराने को लेकर अतिरिक्त धनराशि मांगने की शिकायत मिली थी। इस बारे में कोविड हास्पिटल के चिकित्सक और मरीज के स्वजन से फोन पर बातचीत की। चिकित्सक ने बताया कि मरीज की तबीयत बिगड़ती देख डिस्चार्ज किया गया। वहीं तीमारदार ने बताया कि बिना किसी विवाद के अपने मरीज को दूसरे हास्पिटल में शिफ्ट कराया गया है।
- अभिषेक सिंह, सिटी मजिस्ट्रेट
कोरोना संक्रमित 16 दिन से हास्पिटल में भर्ती था। स्वजन उसे दूसरे हास्पिटल में ले जाना चाह रहे थे। 16 दिन के करीब सवा चार लाख रुपये उपचार के बैठ रहे थे, लेकिन उन्होंने इतनी धनराशि देने में असमर्थता जताई, जिस पर सवा दो लाख रुपये छोड़ते हुए जमा दो लाख रुपये के आधार पर ही मरीज को डिस्चार्ज कर दिया गया। हंगामा या बंधक बनाने जैसे कोई बात नहीं हुई। पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों को भी इस बारे में अवगत कराया गया है।
- डा. एमएल गर्ग, संयोजक हार्ट केयर कोविड हास्पिटल