खुद इंतजाम रखें.. यहां अधूरे पड़े प्यास बुझाने के संसाधन
मौसम के साथ तापमान की चाल भी बदलने लगी है। गर्मी में पानी की मांग बढ़ेगी जबकि संसाधनों भी पर दबाव होगा।
मुजफ्फरनगर, जेएनएन। मौसम के साथ तापमान की चाल भी बदलने लगी है। गर्मी में पानी की मांग बढ़ेगी, जबकि संसाधनों भी पर दबाव होगा। वहीं जिलेभर की निकायों पर नजर डालें तो पेयजल आपूर्ति की स्थिति बेपटरी दिखाई देती है। कहीं हैंडपंप खराब पड़े हैं तो कहीं नलकूपों में फाल्ट है। अधिकतर निकायों में करीब 30 वर्ष पुरानी पेयजल पाइप लाइन बिछी हुई है, जो मामूली प्रेशर पड़ते ही फट जाती है। ऐसे में भीषण गर्मी में प्यास बुझाना कितना कारगर है, यह सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। जिले की सबसे बड़ी नगर पालिका मुजफ्फरनगर में भी पेयजल आपूर्ति के संसाधन पुख्ता नहीं हैं। दिखाने के लिए 17 ओवरहैड टैंक हैं, मगर चालू हालत में केवल छह ही है।
सार्वजनिक स्थानों पर भी बुरा हाल
शहरी क्षेत्र में सार्वजनिक स्थानों पर करीब 15 वाटर कूलर लगे हैं, लेकिन यह भी केवल सीजनल एक्टिव किए जाते हैं। इसके अलावा रोडवेज, रेलवे स्टेशन पर वॉटर एटीएम लगाए गए है, लेकिन यह कभी पानी नहीं उगल सके हैं। रेलवे स्टेशन पर एटीएम बंद पड़ा है, वहीं रोडवेज से उखाड़ दिया गया है।
क्यों बंद पड़े 11 ओवरहैड टैंक
पालिका क्षेत्र में 11 ओवरहैड टैंक बंद पड़े हैं। पिछले कई साल से इन्हें इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है। गर्मी में डिमांड बढ़ती है तो नलकूप 24 घंटे चलाए जाते हैं, जिससे उनमें जल्द ही फाल्ट होता है। सवाल है कि बंद पड़े ओवरहैड टैंक सही क्यों नहीं कराया जा रहा है। फाइलों में एस्टीमेट बन रहा है। पालिका का वार्षिक बजट सवा करोड़ रुपये है।
इनका कहना है
पालिका में ओवरहेड टैंक की मरम्मत के लिए यूपी जल निगम को लिखा गया है। हैंडपंप, वाटर कूलर के साथ पेयजल पाइप लाइन को दुरुस्त कराया जा रहा है। पानी आपूर्ति से जुड़ी हर समस्या को नोट कर कार्रवाई की जा रही है।
-विनय कुमार मणि त्रिपाठी, ईओ।
मेरे दो वर्षीय कार्यकाल के दौरान करीब 27 ट्यूबवेल रिबोर कराए गए हैं। ओवरहेड टैंक खराब होने की जानकारी नहीं है। प्रत्येक वार्ड में हैंडपंपों को सही कराया है। शहर में पेयजल आपूर्ति की समस्या नहीं आने दी जाएगी।
-अंजू अग्रवाल, अध्यक्ष, नगर पालिका।