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सोशल मीडिया पर छिड़ी है जंग

जानसठ में चुनाव प्रचार पर चुनाव आयोग का चाबुक चलने के बाद इंटरनेट मीडिया पर चुनावी जंग छिड़ी हुई है। हार-जीत को लेकर वाट्सएप ग्रुपों पर बहस चल रही है। लोगों के पुराने वीडियो अपलोड किए जा रहे हैं जिससे चुनावी माहौल खराब होने की भी आशंका है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 23 Jan 2022 11:39 PM (IST)Updated: Sun, 23 Jan 2022 11:39 PM (IST)
सोशल मीडिया पर छिड़ी है जंग
सोशल मीडिया पर छिड़ी है जंग

मुजफ्परनगर, जेएनएन। जानसठ में चुनाव प्रचार पर चुनाव आयोग का चाबुक चलने के बाद इंटरनेट मीडिया पर चुनावी जंग छिड़ी हुई है। हार-जीत को लेकर वाट्सएप ग्रुपों पर बहस चल रही है। लोगों के पुराने वीडियो अपलोड किए जा रहे हैं, जिससे चुनावी माहौल खराब होने की भी आशंका है।

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विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही इंटरनेट मीडिया पर एक-दूसरे को नीचा दिखाने के लिए पुरानी व दूसरे जगहों के वीडियो शेयर किए जा रहे हैं। वाट्सएप ग्रुपों पर एक-दूसरे की पार्टी के नेताओं को नीचा दिखाने के लिए लेख डाले जा रहे हैं। अच्छी-बुरी बातें समझाई जा रही हैं। जाति-समुदाय को एकजुट होकर वोट डालने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। वास्तव में देखा जाए तो वाट्सएप ग्रुपों पर एक-दूसरे के जाति-समुदाय के मन में जहर घोला जा रहा है, जिससे चुनाव को सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की राह पर ले जाने का प्रयास किया जा रहा है। हालांकि पुलिस सब जगह निगाह बनाए हुए है, लेकिन इंटरनेट मीडिया पर फैलाये जाना वाले इस जहर पर उनकी निगाहें नहीं जा रही हैं, जिससे लोगों को एक-दूसरे पर कीचड़ उछालने का मौका मिल रहा है। समय रहते इंटरनेट मीडिया पर इस तरह की पोस्ट पर यदि कार्रवाई नहीं की गई तो चुनाव आते-आते लोगों में असंतोष बढ़ने की आशंका है।

इंस्पेक्टर बीआर वर्मा ने बताया कि इंटरनेट मीडिया पर निगाह रखी जा रही है। यदि कोई भी धार्मिक, जातीय या सांप्रदायिक भावना भड़काने की कोशिश करेगा तो उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।

प्रचार में जुटे समर्थक

मुजफ्परनगर, जेएनएन। पुरकाजी में विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के लिए प्रत्याशियों से ज्यादा समर्थकों ने प्रचार की •िाम्मेदारी थाम ली है। इंटरनेट मीडिया पर अपने दल के पक्ष में हर तरह की सामग्री डाली जा रही है। इसमें युवा सबसे आगे हैं। चुनाव आयोग ने प्रचार पर 31 जनवरी तक प्रतिबंध बढ़ा दिए हैं, जिससे सभी दलों के सामने मतदाताओं को रिझाने में दिक्कत आ रही है। प्रत्याशी के लिए सभी गांवों को साधने में परेशानी हो रही है। ऐसे में अपने प्रत्याशी को जिताने के लिए समर्थकों और पदाधिकारियों ने •िाम्मेदारी संभाली है। समर्थकों ने मतदाताओं को रिझाने के लिए यूट्यूब, फेसबुक, वाट्सएप, इंस्टाग्राम, ट्विटर आदि इंटरनेट मीडिया का सहारा लिया है। दल और उम्मीदवार के पक्ष में समर्थक खुलकर एक-दूसरे के सामने हैं। डिजिटल संसाधनों से विरोधियों की कमियों और अपने प्रत्याशी के काम, फ़ोटो, बयान आदि डाले जा रहे हैं। दस फ़रवरी को होने वाले मतदान में समय कम रह जाने के चलते प्रत्याशी भी सोशल मीडिया पर छोटे-छोटे भाषण डालकर मतदाताओं से अपने लिए वोट मांग रहे है। सत्ता पक्ष के लोग अपने पांच साल के काम गिनना रहे हैं तो वहीं विपक्ष के नेता अपनी पार्टी की सत्ता आने पर दी जाने वाली सुविधाओं की जानकारी दे रहे हैं।


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