कोरोना वायरस से बीमार हुए सिनेमाघर
इंटरनेट मीडिया और मोबाइल पर बढ़ते मनोरंजन और फिल्मों के चलते पहले ही संकट में चल रहे सिनेमाघरों पर अब कोरोना वायरस भी गंभीर असर छोड़ रहा है। लाकडाउन के बाद सिनेमाघरों को कोविड गाइडलाइन के दायरे में चलाने की अनुमति तो दे दी गई लेकिन केवल तीन सिनेमाघरों के पर्दो पर ही फिल्में चल पा रही हैं। इसके अलावा अन्यों ने नवीनीकरण तक नहीं कराया है।
जेएनएन, मुजफ्फरनगर। इंटरनेट मीडिया और मोबाइल पर बढ़ते मनोरंजन और फिल्मों के चलते पहले ही संकट में चल रहे सिनेमाघरों पर अब कोरोना वायरस भी गंभीर असर छोड़ रहा है। लाकडाउन के बाद सिनेमाघरों को कोविड गाइडलाइन के दायरे में चलाने की अनुमति तो दे दी गई, लेकिन केवल तीन सिनेमाघरों के पर्दो पर ही फिल्में चल पा रही हैं। इसके अलावा अन्यों ने नवीनीकरण तक नहीं कराया है।
सिनेमाघरों में जाकर फिल्में देखने का शौक आज भी लोगों में भरपूर है, लेकिन समय के साथ लोग मल्टीप्लेक्स सिनेमाघरों को अधिक पंसद करने लगे हैं। इसके चलते कुछ सिनेमाघरों को अपग्रेड कर चलाया जा रहा है। पिछले एक दशक में मल्टीप्लेक्स सिनेमाघर न बन पाने के कारण जिले में छह से अधिक सिनेमाघर बंद हो चुके हैं। अब कुछ सिनेमाघरों को कोरोना वायरस ने बंद करा दिया है। लाकडाउन से पहले जिले में चलने वाले छह सिनेमाघरों में से अब केवल तीन में ही फिल्में चल रही हैं, जिनमें कोविड नियमों के पालन के तहत कम ही दर्शक पहुंच पा रहे हैं। लाकडाउन खत्म होने पर सरकार की तरफ से सिनेमाघर चलाने की अनुमति के बाद अक्टूबर महीने में जिले में सिनेमाघरों का नवीनीकरण भी शुरू हो गया था, जिसमें केवल ग्रांड प्लाजा माल में ग्लिट्ज सिनेमा में तीन स्क्रीन, माया मल्टीप्लेक्स में दो स्क्रीन और चंद्रा सिनेमा में फिल्में चलाने के लिए वित्त वर्ष के लिए नवीनीकरण कराया गया। इसके अलावा शहर के ब्रज टाकीज, नावेल्टी सिनेमा और बुढ़ाना के भारत टाकीज का नवीनीकरण नहीं हुआ, जिसके चलते लाकडाउन के बाद से ये सिनेमाघर बंद चल रहे हैं। इन्होंने कहा..
सिनेमाघरों के बंद होने की संख्या तेजी से बढ़ी है। शहर के अधिकतर नामचीन सिनेमाघर एनओसी न लेने के कारण पहले से ही बंद हो चुके हैं। लाकडाउन के बाद भी केवल तीन ही सिनेमाघरों ने अपना नवीनीकरण कराया है, लेकिन पहले से लगातार चलते आ रहे तीन सिनेमाघरों ने इस वर्ष के लिए अपना नवीनीकरण नहीं कराया है।
- रामचंद्र वर्मा, मनोरंजन एवं वाणिज्य कर अधिकारी