सीएम के समक्ष गूंजा कोविड हास्पिटल में महंगे इलाज का मुद्दा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना संक्रमण को लेकर अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की बैठक ली। इसमें अधिकारियों ने संक्रमण पर काबू पाने के लिए किए गए प्रयास का बखान किया जबकि मंत्री और विधायकों ने जिले के हालात का जिक्र करते हुए मेडिकल सुविधाओं की मांग की। निजी हास्पिटलों की मनमानी समेत महंगे उपचार की शिकायत भी की गई।
जेएनएन, मुजफ्फरनगर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना संक्रमण को लेकर अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की बैठक ली। इसमें अधिकारियों ने संक्रमण पर काबू पाने के लिए किए गए प्रयास का बखान किया, जबकि मंत्री और विधायकों ने जिले के हालात का जिक्र करते हुए मेडिकल सुविधाओं की मांग की। निजी हास्पिटलों की मनमानी समेत महंगे उपचार की शिकायत भी की गई।
जिला पंचायत सभागार में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के साथ समीक्षा बैठक ली। डीएम सेल्वा कुमारी जे. ने अप्रैल और मई माह में कोरोना संक्रमित मिलने और ठीक होने के मामले रखे। साथ ही जिले में कोरोना संक्रमण रोकने के प्रयास भी बताए। उन्होंने कहा कि सभी सीएचसी और पीएचसी को कोविड कंट्रोल रूम से जोड़ा गया है, ताकि कहीं पर कोई परेशानी हो तो मुख्यालय पर पता चल सके। गांवों में कोरोना जांच, मेडिकल किट उपलब्ध कराने की बात कही। उन्होंने कहा कि संक्रमण के मामलों में गिरावट आई है। केंद्रीय राज्यमंत्री डा. संजीव बालियान ने मुहर लगाते हुए कहा कि कुछ व्यवस्था सुधरी है। आक्सीजन की सप्लाई बनी रहे, इसके लिए बीते दिनों सर्वाधिक प्रयास किए गए। मेडिकल कालेज में आक्सीजन कैप्सूल लगने से राहत है।
राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिलदेव अग्रवाल ने कहा कि प्राइवेट हास्पिटल में महंगे उपचार को लेकर लोग परेशानी में हैं। एक हास्पिटल पर हंगामे से बीते दिनों शहर का माहौल भी खराब होने से बचा है। ऐसी व्यवस्था हो कि सरकारी खर्च के आधार पर निजी हास्पिटल को पेमेंट किया जाए। इससे सकारात्मक माहौल बनेगा और हास्पिटल संचालकों की मनमानी पर अंकुश लगेगा। राज्यमंत्री ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि यदि वास्तव में अस्पतालों का ज्यादा खर्च आ रहा है तो इसका आडिट कराकर सरकार उसे अनुदानित कर दें, लेकिन आपदा के वक्त भार आम आदमी पर बिल्कुल नहीं पड़ना चाहिए। पुरकाजी विधायक प्रमोद उटवाल ने कहा कि निजी कोविड हास्पिटल में इलाज के नाम पर मोटी रकम ली जा रही है। कई दिनों से जिले में यह मामला सुर्खियों में है। निजी हास्पिटल में इलाज की दर तय होनी चाहिए। बुढ़ाना विधायक उमेश मलिक ने कहा कि कोरोना से मौत होने पर ऐसी व्यवस्था हो कि सरकारी एंबुलेंस डेड बाडी को नि:शुल्क श्मशान या कब्रिस्तान ले जाए। प्राइवेट में एंबुलेंस की दर अत्यधिक हैं। खतौली विधायक विक्रम सैनी ने कहा कि मेडिकल सेवाओं में सुधार होना चाहिए, ताकि लोगों की जान बच सके। पार्टी जिलाध्यक्ष विजय शुक्ला ने कहा कि मेडिकल सेवाएं ठीक नहीं हैं। आक्सीजन की भारी किल्लत है। उपचार और दवाओं का अच्छा इंतजाम होना चाहिए। उन्होंने मुख्यमंत्री को जिले की वस्तुस्थिति से विस्तार से अवगत कराया।