अब केवल 100 घंटे में मिलेगा क्रेशर का लाइसेंस : सुरेश राणा
प्रदेश सरकार की महत्वकांक्षी योजना एक जनपद-एक उत्पाद के तहत प्रथम गुड़ महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। गुड़ महोत्सव पर स्वयं मुख्यमंत्री की नजर है।
By Taruna TayalEdited By: Published: Sun, 09 Jun 2019 06:03 PM (IST)Updated: Sun, 09 Jun 2019 06:03 PM (IST)
मुजफ्फरनगर, जेएनएन। मुजफ्फरनगर के श्रीराम कालेज में चल रहे गुड़ महोत्सव के दूसरे दिन मुख्य अतिथि गन्ना विकास एवं चीनी मिल मंत्री सुरेश राणा ने कहा कि किसान हित में सरकार ने कुछ ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं। पहली बार गन्ना ढुलाई का किराया कम हुआ है। मिलों के एस्क्रो एकाउंट खुलवाए गए हैं। अब मिलें चीनी का एक बोरा भी बेचेंगे तो वह भी किसानों के भुगतान के रूप में जाएगा। समितियों का नाम कमीशन से हटाकर अंशदान किया गया, इससे समितियों को 50 करोड़ का मुनाफा हुआ है। अब क्रेशर इकाइयों को 100 घंटे में लाइसेंस दिया जा रहा है। प्रदेश में इस साल 83 इकाइयों को लाइसेंस दिया गया। अकेले गन्ना विभाग ने 150 सड़कें बनवाई हैं। इससे प्रदेश विकास के पथ पर अग्रसर है। गुड़ महोत्सव पर स्वयं मुख्यमंत्री की नजर है। वह इसकी जानकारी भी ले रहे हैं। प्रदेश सरकार की महत्वकांक्षी योजना एक जनपद-एक उत्पाद के तहत प्रथम गुड़ महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मिलेगी गुड़ को पहचान
मुजफ्फरनगर की मंडी को एशिया की सबसे बड़ी गुड़ मंडी होने का गौरव प्राप्त है। फिर भी गुड़ को जो पहचान मिलनी चाहिए थी वह नहीं मिल सकी। गुड़ उद्योग के समक्ष कई समस्याएं हैं, जिसमें से जीएसटी की समस्या प्रमुख है। गुड़ के उत्पाद को बढ़ावा देना है। इसमें गुड़ महोत्सव मददगार साबित होगा। डीएम अजय शंकर पांडेय ने कहा कि गुड़ उद्योग को कुटीर उद्योग के रूप में स्थापित करना है। गुड़ महोत्सव से गन्ना किसान, गुड़ कारोबारियों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी। कार्यक्रम में गुड़ उत्पादकों को सम्मानित किया गया। प्रदर्शनी में लगे गुड़ के स्टॉल देखने को बड़ी संख्या में लोग श्रीराम कॉलेज पहुंचे।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मिलेगी गुड़ को पहचान
मुजफ्फरनगर की मंडी को एशिया की सबसे बड़ी गुड़ मंडी होने का गौरव प्राप्त है। फिर भी गुड़ को जो पहचान मिलनी चाहिए थी वह नहीं मिल सकी। गुड़ उद्योग के समक्ष कई समस्याएं हैं, जिसमें से जीएसटी की समस्या प्रमुख है। गुड़ के उत्पाद को बढ़ावा देना है। इसमें गुड़ महोत्सव मददगार साबित होगा। डीएम अजय शंकर पांडेय ने कहा कि गुड़ उद्योग को कुटीर उद्योग के रूप में स्थापित करना है। गुड़ महोत्सव से गन्ना किसान, गुड़ कारोबारियों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी। कार्यक्रम में गुड़ उत्पादकों को सम्मानित किया गया। प्रदर्शनी में लगे गुड़ के स्टॉल देखने को बड़ी संख्या में लोग श्रीराम कॉलेज पहुंचे।
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