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जीत-जश्न का गवाह शिव चौक बना राजनीतिक चर्चा का केंद्र

शहर की हृदयस्थली शिव चौक आस्था का प्रतीक है। आधी रात के बाद जब शहर सो जाता है तब भी यहां आवाजाही रहती है। देर रात तक चाय की चुस्कियों के साथ चौपाल सजती है। हर वर्ग और जाति-धर्म के लोग यहां आकर राजनीतिक चर्चा करते हैं। यूं कहें कि आस्था का केंद्र जिले की हर गतिविधि को आए दिन महसूस करता है। शहर के मध्य में स्थित शिव चौक से जितनी दूर हिदू बहुल बस्ती है लगभग उतनी ही दूर मुस्लिम मोहल्ले हैं। कांवड़ यात्रा से लेकर राजनीतिक काफिले यहां से गुजरते हैं। पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी और राजीव गांधी का चुनावी काफिला भी यहां से गुजरा है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Jan 2022 12:02 AM (IST)Updated: Wed, 19 Jan 2022 12:02 AM (IST)
जीत-जश्न का गवाह शिव चौक बना राजनीतिक चर्चा का केंद्र
जीत-जश्न का गवाह शिव चौक बना राजनीतिक चर्चा का केंद्र

मुजफ्फरनगर, जेएनएन। शहर की हृदयस्थली शिव चौक आस्था का प्रतीक है। आधी रात के बाद जब शहर सो जाता है, तब भी यहां आवाजाही रहती है। देर रात तक चाय की चुस्कियों के साथ चौपाल सजती है। हर वर्ग और जाति-धर्म के लोग यहां आकर राजनीतिक चर्चा करते हैं। यूं कहें कि आस्था का केंद्र जिले की हर गतिविधि को आए दिन महसूस करता है। शहर के मध्य में स्थित शिव चौक से जितनी दूर हिदू बहुल बस्ती है, लगभग उतनी ही दूर मुस्लिम मोहल्ले हैं। कांवड़ यात्रा से लेकर राजनीतिक काफिले यहां से गुजरते हैं। पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी और राजीव गांधी का चुनावी काफिला भी यहां से गुजरा है। केंद्रीय राज्यमंत्री डा. संजीव बालियान अक्सर यहां आकर देर रात तक लोगों से बातें करते हैं।

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शिव चौक के पास चाय की दुकान लगाने वाले सुभाष बताते हैं कि सर्दी के मौसम में भी आधी रात तक लोग चाय पीते हैं। वर्तमान में देर रात तक चुनावी चर्चा होती है। अब टिकट को लेकर लोग चर्चा करते हैं। रात के समय एक बुजुर्ग बता रहे थे कि कभी कांग्रेस के टिकट के लिए दावेदारों की लाइन लगती थी। अब कांग्रेस से टिकट लेने वालों के लाले पड़े हुए हैं। यहीं वजह है कि अभी तक टिकट घोषित नहीं हुए हैं।

शिव चौक के समीप चाय की चुस्की लेते हुए खालापार निवासी दिलावर सिंह बताते हैं कि वर्ष 1991 में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी जब शिव चौक से गुजरे थे तो एक किमी दूर तक जाम लग गया था। वह दिन बहुत याद आते हैं। अब चुनावी माहौल बदल गया है। कोरोना संक्रमण ने तो चुनावी रैली और सभा पर रोक लगा दी है। दिलावर सिंह की बात रोकते हुए कमलकांत कहते हैं कि भाई समय और परिस्थिति के साथ चलना पड़ता है। अब ऐसी परिस्थिति नहीं है कि बड़े आयोजन किए जाए। सरकार कोरोना को लेकर बड़ी फिक्रमंद है।

इसी दौरान सूरज अपनी बात रखते हैं। वह बताते हैं कि अपने यहां पहले चरण में चुनाव है। अच्छा है, जल्दी से हो जाएगा। कोरोना भी तेजी से फैल रहा है। सर्दी बहुत हो रही है। 10 फरवरी तक मौसम ठीक हो जाएगा। इससे वोटिग प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है। इस पर शेखर कुमार करते हैं कि मुझे लगता है कि मत प्रतिशत इस बार कम रहेगा। इसकी कई वजह है। कोरोना तेजी से फैल रहा है। ऐसे में बड़ी संख्या में लोग मतदान करने नहीं जाएंगे। वहीं जो संक्रमित होंगे वह भी हाथ खींच सकते हैं। इस पर कमलकांत कहते हैं कि भाई वोट जरूर करना चाहिए। जीत व जश्न का गवाह है शिव चौक

शिव चौक धार्मिक गतिविधियों के साथ ही राजनीतिक जश्न का गवाह है। केंद्रीय राज्यमंत्री डा. संजीव बालियान दोनों बार लोकसभा का चुनाव जीतने के बाद यहां आए और जश्न मनाया। पांच साल पहले जिले की सभी छह सीटों पर भाजपा प्रत्याशी जीते थे। जीत के बाद सीधे प्रत्याशी विजय जुलूस के रूप में शिव चौक पर आए और भगवान भोलेनाथ का आशीर्वाद लिया। कृषि कानून वापस होने पर भाकियू प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत स्वजन व किसानों के साथ शिव चौक पर आए थे।


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