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मां भगवती के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री की उपासना

शक्ति आराधना के पर्व नवरात्र में मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री की उपासना की गई। शैलपुत्री की आराधना से आस्थावानों को चेतना का सर्वोच्च शिखर प्राप्त होता है। माता का यह स्वरूप रोग शोक व दैत्यों का विनाश करता है। श्रद्धालुओं ने सुबह कलश स्थापना की।

By JagranEdited By: Published: Tue, 13 Apr 2021 11:35 PM (IST)Updated: Tue, 13 Apr 2021 11:35 PM (IST)
मां भगवती के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री की उपासना
मां भगवती के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री की उपासना

जेएनएन, मुजफ्फरनगर। शक्ति आराधना के पर्व नवरात्र में मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री की उपासना की गई। शैलपुत्री की आराधना से आस्थावानों को चेतना का सर्वोच्च शिखर प्राप्त होता है। माता का यह स्वरूप रोग, शोक व दैत्यों का विनाश करता है। श्रद्धालुओं ने सुबह कलश स्थापना की।

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मंगलवार की सुबह श्रद्धालुओं ने स्नान आदि के बाद व्रत रखा। पूजा-अर्चना व मंत्रोच्चारण के साथ मां भगवती की चौकी व कलश स्थापना की। मान्यता है कि जो व्यक्ति नवरात्र में मां दुर्गा का आह्वान कर उनकी पूजा-अर्चना करता है उसके परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है। श्रद्धालुओं ने दुर्गा सप्तशती, दुर्गा चालीसा के पाठ कर माता का आशीर्वाद प्राप्त किया। कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को लेकर माता के भक्तों ने मंदिरों के बजाय घर पर ही पूजा-अर्चना करना अच्छा माना। मंदिरों में भीड़ कम रही। पुजारियों ने भी शासन-प्रशासन की गाइडलाइन का ध्यान रखते हुए एक साथ पांच से अधिक श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश नहीं करने दिया। शारीरिक दूरी व मास्क का ध्यान रखा गया।

दुर्गा पंचायती मंदिर सर्राफा बाजार में नवरात्र उत्सव शुरू हो गया है। प्रथम नवरात्र पर यजमान प्रदीप मित्तल सर्राफ ने मां शैलपुत्री का पूजन किया। कन्या रूपी छोटी बच्ची के चरण छूकर उनका आशीर्वाद लिया। पंडित दिनेश वशिष्ठ, भरत वशिष्ठ, विजय पंडित ने मंत्रोचारण के साथ पूजा-अर्चना करायी। नरेंद्र कुमार बोस, सुशील कुमार माहेश्वरी, अशोक गोयल सर्राफ, दीपक मित्तल सर्राफ, विजय कुमार वर्मा सर्राफ आदि श्रद्धालुगण मौजूद रहे। श्री शतचंडी महायज्ञ शुरू

मुजफ्फरनगर : मां श्री विद्या महात्रिपुरा सुदंरी शक्तिपीठ नदी घाट पर 29वां श्रीशतचंडी महायज्ञ मंगलवार से शुरू हो गया, जो 21 अप्रैल तक चलेगा। प्रथम दिवस श्रीगणपति पूजन, कलश स्थापना, ध्वजारोहण, विधि पूजन, ब्राह्मण वरण एवं चंडी पाठ प्रारंभ हुए। हवन-यज्ञ उपरांत महाआरती हुई। धार्मिक क्रियाकलाप एवं पूजन-पाठ वरिष्ठ पंडित श्रीकृष्णदत्त, पं. सचिन शर्मा, ज्योर्विद, पं. सोनू शांडिल्य, सिद्धपीठ वाले गुरुजी संजय कुमार आदि ने संपन्न कराए। मंदिर की ओर से सभी श्रद्धालुओं से आग्रह किया कि वह अनाश्वश्क भीड़ से बचें, मास्क पहनकर ही उचित दूरी रखकर मंदिर में प्रवेश करें।


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