पुलिस पार्टी पर जानलेवा हमले में दो वर्ष 10 माह की सजा
पुलिस पार्टी पर जानलेवा हमले के मामले में दबोचे गए बदमाश के संबंध में मुकदमे की सुनवाई कर अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट-15 ने एक आरोपित को दोषी ठहराया है। कोर्ट ने दोषी को दो वर्ष 10 माह तथा 15 दिन की सजा सुनाते हुए तीन हजार का अर्थदंड भी लगाया है।
जेएनएन, मुजफ्फरनगर। पुलिस पार्टी पर जानलेवा हमले के मामले में दबोचे गए बदमाश के संबंध में मुकदमे की सुनवाई कर अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट-15 ने एक आरोपित को दोषी ठहराया है। कोर्ट ने दोषी को दो वर्ष 10 माह तथा 15 दिन की सजा सुनाते हुए तीन हजार का अर्थदंड भी लगाया है।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता कुलदीप पुंडीर ने बताया कि एक जनवरी, 2018 को सिविल लाइन थाना क्षेत्र के सूजड़ू चुंगी स्थित गेट-वे चौकी पर रात में करीब ढाई बजे बाइक से जा रहे तीन बदमाशों को पुलिस ने रोकने का प्रयास किया था। बदमाशों ने रुके बिना पुलिस पार्टी पर फायरिग की थी। एक आरोपित भूरा फरार हो गया था, जबकि पुलिस ने हिमांशु पुत्र ओमप्रकाश निवासी भगवानपुर जिला हरिद्वार तथा दूसरे आरोपित हसीन को दबोच लिया था। दोनों बदमाशों से एक-एक तमंचा तथा चोरी की एक बाइक बरामद हुई थी। पुलिस ने दोनों को जेल भेज दिया था। पुलिस ने हिमांशु के विरुद्ध विवेचना कर चार्जशीट कोर्ट में भेज दी थी, जिससे उसकी फाइल हसीन से अलग हो गई थी। घटना के मुकदमे की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट-15 राकेश गौतम के समक्ष हुई। बताया कि न्यायाधीश ने अभियोजन व बचाव पक्ष की दलील सुनने के बाद आरोपित हिमांशु को जानलेवा हमले के मामले में दोषी ठहराया। विवाहिता की हत्या कर शव जलाने के आरोप से पति सहित तीन बरी
जेएनएन, मुजफ्फरनगर। ढाई वर्ष पूर्व भोपा थाना क्षेत्र के रसूलपुर गांव में विवाहिता की हत्या कर सुबूत छिपाने के इरादे से शव जलाने के आरोप में नामजद पति सहित तीन आरोपितों को अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट-12 ने सुनवाई कर साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया।
20 फरवरी, 2018 को रसूलपुर गांव के चौकीदार जगमेर ने मुकदमा दर्ज कराते हुए बताया था कि गांव के तेजपाल, उसकी पत्नी कमलेश तथा पुत्र पहल सिंह ने मिलकर बहू पूजा पत्नी पहल सिंह की हत्या कर दी तथा सुबूत छिपाने के इरादे से शव को श्मशान घाट पर ले जाकर जला दिया। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर तीनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया था। घटना का मुकदमा अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट-12 छोटेलाल यादव के समक्ष चला। सुनवाई के दौरान तेजपाल व कमलेश की जमानत हो गई, जबकि आरोपित पहल सिंह जेल में निरुद्ध है। अभियोजन पक्ष की ओर से 10 से अधिक गवाह कोर्ट में पेश किए गए। अभियोजन व बचाव पक्ष की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में तेजपाल व उसकी पत्नी कमलेश तथा पहल सिंह को बरी कर दिया। कोर्ट ने जेल में निरुद्ध पहल सिंह को रिहा करने का आदेश जारी किया। कुकृत्य व चोरी में तीन साल की सजा
जेएनएन, मुजफ्फरनगर। 16 वर्ष पूर्व रात के समय चोरी के इरादे से घर में घुसकर बकरी से कुकृत्य करने के मामले में दबोचे गए आरोपित को ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट कोर्ट ने दोषी ठहराते हुए तीन वर्ष की सजा सुनाई है। 1500 रुपये का अर्थदंड भी लगाया है।
सहायक अभियोजन अधिकारी पुनीत कुमार ने बताया कि 25 नवंबर, 2004 को बुढ़ाना के सुल्तानपुर गांव में रात के समय इकराम के घर में चोरी के इरादे से घुसे इंतजार को मौके से दबोच लिया गया था। इस मामले में इकराम ने बुढ़ाना थाने में मुकदमा दर्ज कराते हुए बताया था कि वह 25 नवंबर को घर में पत्नी व भाई आदि के साथ सो रहा था। घर के सेहन में उसकी पालतू बकरी बंधी हुई थी। उसकी आंख खुली तो देखा कि घर में तीन व्यक्ति घुसे हुए हैं, जिनमें से एक ने उसकी बकरी की गर्दन दबाया है और दूसरा उसके साथ कुकृत्य कर रहा है। तीसरा व्यक्ति एक बोरे में घर के बर्तन भर रहा था। शोर मचाया तो तीनों भाग खड़े हुए। बर्तन चोरी कर रहे इंतजार पुत्र इशहाक निवासी गांव उमरपुर थाना बुढ़ाना को पकड़ लिया गया, जबकि फैजान व अहसान निवासीगण गांव उमरपुर फरार हो गए थे। दबोचे गए व्यक्ति के कब्जे से चोरी के बर्तन बरामद हुए। इस दौरान बकरी की भी मौत हो गई थी। सहायक अभियोजन अधिकारी पुनीत कुमार ने बताया कि 24 जून, 2008 को न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी बुढ़ाना राजेश भारद्वाज ने इंतजार पर आरोप तय किये। ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट परविदर सिंह ने मुकदमे की सुनवाई करते हुए आरोपित इंतजार को दोषी ठहराया।