घर-घर धर्म में आस्था की ज्योति जला रहे राकेश
अपने-अपने घरों में धर्म की ज्योति जलाने के साथ शहर की एक मंडली दूसरे के घरों में भी आस्था की ज्योति जलाकर लोगों को धर्म-कर्म से जोड़ने का काम कर रहे हैं। धर्म में आस्था और भारतीय संस्कृति से महिलाओं-पुरुषों व बच्चों को जोड़ने के लिए राकेश कुमार मित्तल ने अपना जीवन धर्म के गुणगान में समर्पित कर दिया है।
मुजफ्फरनगर, जेएनएन। अपने-अपने घरों में धर्म की ज्योति जलाने के साथ शहर की एक मंडली दूसरे के घरों में भी आस्था की ज्योति जलाकर लोगों को धर्म-कर्म से जोड़ने का काम कर रहे हैं। धर्म में आस्था और भारतीय संस्कृति से महिलाओं-पुरुषों व बच्चों को जोड़ने के लिए राकेश कुमार मित्तल ने अपना जीवन धर्म के गुणगान में समर्पित कर दिया है। सरकारी नौकरी से वीआरएस लेने के बाद उन्होंने स्वयं तो भारतीय संस्कृति और धर्म के प्रचार का बीड़ा उठाया। उनके साथ आस्था में डुबकी लगने वालों को कारवां भी बढ़ता चला गया।
धर्म के प्रति रुचि और उसका प्रचार कर धार्मिक आजादी का पाठ पढ़ाने के उद्देश्य से शहर के दक्षिणी भोपा रोड निवासी राकेश कुमार मित्तल सप्ताह में अपना एक दिन धर्म के नाम समर्पित कर चुके हैं। धर्म के प्रति आस्था और उनकी लगन को देखकर शहर के कुछ व्यापारी भी उनके साथ जुड़ गए और उनकी मंडली में शामिल होकर आस्था में डुबकी लगा रहे हैं। श्री हरिनाम संग कीर्तन मंडल में शामिल व्यापारी प्रति मंगलवार को किसी भी एक परिवार के बीच जाकर मंडली लगाते हैं। वहां धर्म में रुचि पैदा करने के प्रति परिवार के लोगों को जागरूक करने के साथ शाम छह से रात दस बजे तक कीर्तन कर परिवार व मोहल्ले के लोगों को श्रीराम, बजरंग बली, दुर्गा मां आदि के भजनों से मंत्रमुग्ध कर देते हैं। वहीं से अगले मंगलवार को कीर्तन वाले स्थान की जानकारी सभी को दी जाती है। राकेश कुमार मित्तल बताते हैं कि कुछ महिलाएं और पुरुष अधिकतर कीर्तनों में शामिल होने लगे हैं। इससे धार्मिक कार्यों में रूचि बढ़ने पर बच्चों में भी पूजा-पाठ और संस्कृति का भाव पैदा होता है। लेखाकार विभाग से वीआरएस लेने के बाद से वह इसी कार्य में लगे हुए हैं, जिससे धर्म के प्रति रूची बढ़ने साथ अंतरात्मा संतुष्ट होती है।
दिन में काम, शाम को प्रभु का गुणगान
राकेश कुमार मित्तल के साथ शहर के व्यापारी राजेंद्र वर्मा, राकेश गोयल, शिवकुमार, अनिल तायल, सोनू चौहान, आदेश सिघल, नीरज अग्रवाल, नीरज गुप्ता आदि मंगलवार को दिन में अपना व्यापार करते हैं। शाम को लोगों के घरों में भगवान का गुणगान करते हैं। 2017 से अब तक वह एक हजार से अधिक घरों में मंडली लगाकर भजन संध्या कर चुके हैं, जो नि:शुल्क करते हैं। केवल मुजफ्फरनगर ही नहीं गाजियाबाद, देहरादून, देवबंद आदि शहरों में वे भजन संध्या कर चुके हैं।