रेलवे को नहीं मिले डीजल इंजन बंद करने के आदेश
मुजफ्फरनगर : नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने दस वर्ष पुराने डीजल इंजन वाहनों पर रोक लगाने के आदेश
मुजफ्फरनगर : नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने दस वर्ष पुराने डीजल इंजन वाहनों पर रोक लगाने के आदेश दिए हैं। इसके चलते परिवहन विभाग कार्रवाई में लगा है। ट्रैक्टरों पर लगाम कसने से गुस्साई भाकियू ने रेलवे के पुराने इंजन भी बंद करने की मांग उठाई थी। इस पर भाकियू ने हंगामा भी किया था। मामले में रेलवे बोर्ड ने अपनी सफाई पेश की है, जिसमें कहा कि एनजीटी ने पुराने इंजन बंद करने संबंधित कोई आदेश नहीं दिए हैं।
पुराने वाहनों पर शिकंजा कसने के लिए परिवहन अधिकारी लगे हैं। कार, बस, ट्रक के अलावा ट्रैक्टरों पर कार्रवाई हो रही है। जिले में बड़ी संख्या में किसानों के ट्रैक्टर भी इसकी जद में आए हैं, जिन पर एआरटीओ प्रशासन ने कार्रवाई की है। इससे गुस्साए भाकियू कार्यकर्ताओं ने बीते दिनों रेलवे स्टेशन पर हंगामा किया था। स्टेशन अधीक्षक को ज्ञापन सौंप कर पुराने रेलवे के इंजन भी बंद करने की मांग की थी। भारतीय किसान यूनियन के रुख के बाद स्टेशन अधीक्षक विपिन कुमार त्यागी ने रेलवे अफसरों को पत्र भेजकर इसकी जानकारी जुटाई है। शुक्रवार को डीआरएम ऑफिस से रेलवे स्टेशन पर पत्र आया है, जिसमें रेलवे ने पुराने इंजनों पर अपनी सफाई पेश की है। उत्तर रेलवे के डीआरएम साफ किया है कि एनजीटी ने पुराने इंजन बंद करने संबंधित कोई आदेश नहीं दिए हैं। इसको लेकर भाकियू में फिर से उबाल आ गया है। भाकियू के नेता धर्मेद्र मलिक ने कहा कि राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण का आदेश जनता पर ही पालन हो रहा है। रेलवे कह रहा कि पुराने इंजनों पर कार्रवाई का उन्हें कोई आदेश नहीं मिला है। यह सब सरकार व वाहन बनाने वाली कंपनियों की मिलीभगत है। भाकियू इसका पुरजोर विरोध करती है।