पंजीकृत 331 चिकित्सक, गली-मोहल्लों में खुले क्लीनिक
यह कहावत जनपद में सच साबित हो रही है। आरटीआई में स्वास्थ्य विभाग में पंजीकृत चिकित्सकों के आंकड़ों का राजफाश हुआ है। विभाग में कुल 331 चिकित्सक पंजीकृत है लेकिन गली-मोहल्लों में डॉक्टरों के क्लीनिक खुले हुए है। इनकी संख्या विभाग के पास भी नहीं है लेकिन अनुमानित तौर पर दो हजार से अधिक अवैध चिकित्सक बताए गए हैं। राजफाश होने के बाद विभागीय अधिकारी झोलाछाप अवैध रूप से चिकित्सक बने बैठे लोगों के खिलाफ अभियान की कार्ययोजना बना रहा है।
मुजफ्फरनगर, जेएनएन।
नीम-हकीम और खतरा-ए-जान। यह कहावत जनपद में सच साबित हो रही है। आरटीआई में स्वास्थ्य विभाग में पंजीकृत चिकित्सकों के आंकड़ों का राजफाश हुआ है। विभाग में कुल 331 चिकित्सक पंजीकृत हैं, लेकिन गली-मोहल्लों में डॉक्टरों के क्लीनिक खुले हुए हैं। इनकी संख्या विभाग के पास भी नहीं है, लेकिन अनुमानित तौर पर दो हजार से अधिक अवैध चिकित्सक बताए गए हैं। राजफाश होने के बाद विभागीय अधिकारी झोलाछाप, अवैध रूप से चिकित्सक बने बैठे लोगों के खिलाफ अभियान की कार्ययोजना बना रहा है।
समाजसेवी सुमित मलिक ने स्वास्थ्य विभाग में आरटीआई लगाई थी। जिसमें पूछा गया कि जनपद में कुल कितने चिकित्सक विभाग में पंजीकृत हैं। कितने चिकित्सक डिग्रीधारक होने के साथ विभाग से अनुमति लेकर क्लीनिक, अस्पताल चला रहे हैं। इसको लेकर विभाग अधिकारियों में अफरातफरी मची रही। करीब दो माह विभाग ने आवेदक को आरटीआई का जवाब दिया है। अपर मुख्य चिकित्साधिकारी ने आरटीआइ में चौंकाने वाले आंकड़े दिए हैं। विभाग के पंजीकृत पटल पर करीब 331 चिकित्सक दर्ज है। इसके अलावा हर गली-मोहल्लों में चिकित्सकों की दुकान चल रही है। इनके बारे में विभाग के पास कोई जानकारी मौजूद नहीं है। इससे साफ है कि 331 के अलावा अन्य को स्वास्थ्य विभाग अवैध मान रहा है। झोलाछाप और बगैर अनुमति के क्लीनिक चलाने वाले चिकित्सकों की करीब दो हजार से अधिक दुकानें बताई गई है।
कार्रवाई से क्यों बच रहा विभाग
विभाग के पास वैध रूप से चिकित्सकों का डाटा मौजूद है। सवाल है कि लोगों की जान खतरे में डालने वाले झोलाछाप चिकित्सकों पर कार्रवाई करने से विभागीय अधिकारी क्यों बच रहे हैं। पुरकाजी, भोपा क्षेत्र में कूड़े और नालियों में कई बार भ्रूण मिल चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग केवल जांच का अलाप रागता है, जबकि असल कार्रवाई करने में बचता रहा है। वहीं, झोलाछाप चिकित्सकों की दुकानें भी बंद कराने में विभाग नाकाम है।
वर्जन..
जनपद में करीब 331 चिकित्सक पंजीकृत है। झोलाछाप चिकित्सकों के खिलाफ हर माह अभियान चलाया जाता है। नवंबर माह में भी अभियान की रूपरेखा तैयार की गई है, जल्द ही अभियान चलाया जाएगा।
- डॉ. पीएस मिश्रा, सीएमओ मुजफ्फरनगर।