भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई प्रधानमंत्री सड़क योजना
प्रधानमंत्री की गांव को शहरों व मुख्य मार्गो से जोड़ने की योजना के तहत बनाई गई सड़कें दो साल में ही टूट गई हैं जिससे इनमें भष्टाचार की बू आती दिखाई दे रही है। पांच साल की इन गारंटेड सड़कों पर गड्ढे व पैचिग बहुत देखे जा सकते हैं लेकिन कोई देखने वाला नहीं है।
जेएनएन, मुजफ्फरनगर। प्रधानमंत्री की गांव को शहरों व मुख्य मार्गो से जोड़ने की योजना के तहत बनाई गई सड़कें दो साल में ही टूट गई हैं, जिससे इनमें भष्टाचार की बू आती दिखाई दे रही है। पांच साल की इन गारंटेड सड़कों पर गड्ढे व पैचिग बहुत देखे जा सकते हैं, लेकिन कोई देखने वाला नहीं है।
प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना के तहत गांव को मुख्य शहरों व कस्बों से जोड़ने के लिए प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत जानसठ क्षेत्र में दर्जनों सड़कें बनाई गई थीं। इन सड़कों के निर्माण के लिए कार्यदायी संस्थाओं को चुना गया था। इनके निर्माण के बाद भी इनकी गुणवत्ता को देखते हुए यह सड़कें पांच साल तक की गारंटेड बनाई गई थी, लेकिन यह सड़कें दो साल में ही खस्ता हालत में पहुंच गई हैं। ठेकेदार बार-बार इन पर पैचिग कर इनकी मरम्मत करने का दम भी भरते हैं, लेकिन कुछ समय बाद यह सड़कें दोबारा उसी तरह से हो जाती है। पानीपत-खटीमा मार्ग से गांव तिसंग तक सड़क करीब दो साल पहले दो करोड़ की लागत से बनी थी, लेकिन वह कुछ समय बाद ही टूटने लगी थी। जब सड़क बनकर तैयार हुई थी तब ही इस पर खराब मैटीरियल लगाने के आरोप लगाते हुए इसकी जांच की मांग भी की गई थी, लेकिन सरकारी जांच कैसे होती है यह बताना अतिश्योक्ति होगी। वर्तमान में कई गांवों को मुख्य मार्ग से मिलाने के लिए बनाई गई सड़कों की यही हालत है। मुरादनगर में हुए हादसे के बाद सरकारी निमार्ण की जांच किए जाने के आदेश तो हो गए है, लेकिन क्या इन सड़कों की भी जांच की जाएगी, जिसमें करोड़ों रुपये बंदर बाट किए गए हैं।