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शिखर पर चमक रहे खिलाड़ी, ओलंपिक पदक की तमन्ना

एथलेटिक्स में प्रियंका पंवार कुश्ती में अनुज कुमार दिव्या काकरान निशानेबाजी में अनवर अली मुराद अली और कबड्डी में संजीव बालियान जैसे होनहार खिलाड़ियों ने देश-दुनिया में अपनी प्रतिभा की छाप छोड़ी है। खिलाड़ियों ने पदक झटके। कई वरिष्ठ खिलाड़ियों ने अर्जुन अवॉर्ड भी हासिल किया लेकिन ओलंपिक का पदक अभी ख्वाब बना है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 22 Jun 2020 10:30 PM (IST)Updated: Tue, 23 Jun 2020 06:04 AM (IST)
शिखर पर चमक रहे खिलाड़ी, ओलंपिक पदक की तमन्ना
शिखर पर चमक रहे खिलाड़ी, ओलंपिक पदक की तमन्ना

दिलशाद सैफी, मुजफ्फरनगर। एथलेटिक्स में प्रियंका पंवार, कुश्ती में अनुज कुमार, दिव्या काकरान, निशानेबाजी में अनवर अली, मुराद अली और कबड्डी में संजीव बालियान जैसे होनहार खिलाड़ियों ने देश-दुनिया में अपनी प्रतिभा की छाप छोड़ी है। खिलाड़ियों ने पदक झटके। कई वरिष्ठ खिलाड़ियों ने अर्जुन अवॉर्ड भी हासिल किया लेकिन ओलंपिक का पदक अभी ख्वाब बना है।

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खेल विभाग के पास करीब 34 खिलाड़ियों की सूची है। इनमें पांच अर्जुन अवॉर्डी, 11 अंतरराष्ट्रीय और 18 राष्ट्रीय स्तर पर धूम मचा चुके हैं। वहीं, चौधरी चरण सिंह स्पो‌र्ट्स स्टेडियम में भी खेल, खिलाड़ियों के लिए बजट और संसाधनों का टोटा है।

कुश्ती में दिव्या, शूटिग में नेहा का जलवा: कुश्ती में पुरबालियान की दिव्या काकरान ने प्रतिभा का डंका बजाया है। एशियन गेम्स, कॉमनवेल्थ गेम्स के साथ अन्य राष्ट्रीय स्तरों पर प्रतिद्वंद्वी पहलवानों को पटखनी देकर 70 से अधिक पदक अपने नाम किए हैं। शूटिग में नेहा तोमर ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निशाने लगाए हैं। दिव्या बताती हैं कि अब उनका लक्ष्य भारत के लिए ओलंपिक में पदक जीतना है। दिल्ली के साथ गांव में भी आकर वह कुश्ती की बारीकियों को और अधिक पुख्ता कर रही हैं। नेहा तोमर भी फिलहाल घर पर ही निशानेबाजी का अभ्यास कर रही हैं।

ओलंपिक में पदक के लिए जी तोड़ मेहनत: नईमंडी के कंबल बाग निवासी पैरालंपिक खिलाड़ी विजय तोमर इंडोनेशिया के जकार्ता में हुए एशियाड गेम्स में लंबी कूद में रजत पदक जीत चुके हैं। विजय बताते हैं कि उनका सपना ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतना है। इसके लिए शहर में रहकर अभ्यास कर रहे हैं।

फरवरी 2020 तक स्टेडियम में खिलाड़ियों की मौजूदगी

खेल खिलाड़ी

एथलीट 40

खो-खो 37

वुशू 37

वॉलीबाल 48

क्रिकेट 90

बॉक्सिग 32

कुश्ती 43

बैडमिटन 30

ताइक्वांडो 40

भारोत्तोलन 35

जूडो 27

इन्होंने कहा

खेल और खिलाड़ियों के लिए समय-समय पर बजट मिलता है। खिलाड़ियों को अभ्यास से तराशा जा रहा है। लॉकडाउन में खेल बंद हैं। खेलों में मुजफ्फरनगर का इतिहास काफी रोचक है। यहां के खिलाड़ियों ने देश-विदेश में प्रतिभा दिखाई है।

-हरफूल सिंह, उप क्रीड़ा अधिकारी, मुजफ्फरनगर


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