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छांव ना फल, पौध लगाने की भागदौड़

प्राकृति और मनुष्य का आपस में गहरा संबंध है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 01 Jul 2020 11:40 PM (IST)Updated: Wed, 01 Jul 2020 11:40 PM (IST)
छांव ना फल, पौध लगाने की भागदौड़

मुजफ्फरनगर, जेएनएन। प्राकृति और मनुष्य का आपस में गहरा संबंध है। प्राकृति में अनेक औषधि का भंडार है, जो पेड़-पौधों से मिलता है। पृथ्वी और पर्यावरण को ऑक्सीजन के लिए पेड़ों की बड़ी महत्ता होती है। वन विभाग ऐसे पौधों का चयन कर रहा है, जिनका लाभ कमाई में तो है, लेकिन पर्यावरण और भूजल को खास फायदा नहीं होता है। इस वर्ष भी पौधारोपण में उन प्रजातियों के बल पर वन महोत्सव पूर्ण करने की योजना बनी है, जो सजावटी है। वहीं, देखरेख के अभाव में हरियाली बढ़ने के बजाए सिमट गई है।

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22 लाख का लक्ष्य, सबसे अधिक यूकेलिप्टिस

वन विभाग को दो लाख 97 हजार पौध लगाने का लक्ष्य मिला है, जबकि जनपदीय अभियान के लिए 18 लाख का लक्ष्य है। एक लाख उद्यान विभाग खुद पौध लगाएगा। कुल मिलाकर 22 लाख पौध लगाने के लिए सात दिन का अभियान रखा गया है। एक से सात जुलाई वन महोत्सव मनाया जा रहा है। विडंबना है कि पौधारोपण में सबसे अधिक पौधे यूकेलिप्टिस के रखे गए हैं। वैज्ञानिक ²ष्टिकोण से देखा जाए तो यूकेलिप्टस का पेड़ भूगर्भ जल को बहुत तेजी से खींचता है। यह पौधा सबसे अधिक पानी मांगता है। जिले में बुढ़ाना, शाहपुर और चरथावल के क्षेत्र डॉर्कजोन में शामिल है। ऐसे में यहां काली नदी के किनारे और खेतों में यूकेलिप्टिस को उगाने की योजना बनाई गई है। वहीं, खैर, सागौन, जंगल जलेबी, कंजी आदि प्रजातियों को भी शामिल किया गया है।

पौध बचाने के लिए गंभीर नहीं विभाग

दो साल से पौधारोपण का बड़े स्तर पर लक्ष्य रखा जा रहा है। शहर और देहात में सरकारी उपक्रमों को पौध संख्या के हिसाब लक्ष्य मिल रहा है। इस वर्ष भी करीब 25 सरकारी विभागों को 17 लाख पौध दी जाएंगी। दो साल में लगी लाखों पौध में से हजारों ही बची है। सबसे अधिक नुकसान काली नदी और हिडन किनारे लगे पौधों को हुआ है। यहां दूषित जल पौधों की जड़ को नष्ट कर रहा है। जिलेभर की सड़क किनारे और भूमि में पौध लगाने के लिए दो वर्ष में 15 लाख से अधिक खर्च किए गए है।

पालिका और उद्यान विभाग लगाएगा आंवला, आम

पालिका के ईओ विनय कुमार मणि त्रिपाठी को पौधारोपण अभियान के लिए नोडल की जिम्मेदारी दी गई है। पौधारोपण के लिए पालिका आंवला, आम के साथ छायादार वृक्ष लगाने की तैयारी कर रही है। इसी तरह से उद्यान विभाग आम, अमरूद, आंवला आदि प्रजातियों को उगाने की तैयारी कर रहा है।

यह पौध हो अधिक शामिल

अमरूद, पपीता, बेल, सीताफल, चीकू, संतरा, सेब, बेर, आंवला, लीची, कटहल, बड़हल, शहतूत, गूलर, जामुन, इमली आदि फलदार शामिल रहें। जबकि छायादार में नीम, बकैन, गुलमोहर, पीपल, बरगद, सागौन आदि रखे जा सकते हैं।

इनका कहना है

इस वर्ष अभियान में छायादार पौधों को अधिक रखा गया है। यूकेलिप्टिस की भी पौध लगाईं जाएगी। किसानों, संस्थाओं को साथ जोड़ा गया है, जिन्हें उनकी पंसद के अनुरूप पौध उपलब्ध कराने की योजना तैयार की गई है। वृहद पौधारोपण अभियान को सभी साथ मिलकर अंजाम देंगे।

-सूरज, डीएफओ, मुजफ्फरनगर।


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