सीएचसी पर आक्सीजन प्लांट चालू, आपूर्ति जल्द
खतौली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर आक्सीजन प्लांट पर कैप्सूल चालू किया गया है। अभ्यास के बाद ट्रामा सेंटर और सीएचसी पर आक्सीजन की आपूर्ति सुचारु की जाएगी। इसके लिए इंजीनियरों की टीम कार्य कर रही है। बुधवार को लाइनों को जोड़ने के साथ तकनीकी कार्य को निपटाया गया है। आक्सीजन आपूर्ति के बाद रोगियों को इसकी सुविधा का लाभ मिलना आरंभ होगा।
जेएनएन, मुजफ्फरनगर। खतौली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर आक्सीजन प्लांट पर कैप्सूल चालू किया गया है। अभ्यास के बाद ट्रामा सेंटर और सीएचसी पर आक्सीजन की आपूर्ति सुचारु की जाएगी। इसके लिए इंजीनियरों की टीम कार्य कर रही है। बुधवार को लाइनों को जोड़ने के साथ तकनीकी कार्य को निपटाया गया है। आक्सीजन आपूर्ति के बाद रोगियों को इसकी सुविधा का लाभ मिलना आरंभ होगा।
कोविड-19 संक्रमण के नए वैरियंट ओमिक्रोन को लेकर स्वास्थ्य विभाग अपनी तैयारी पुख्ता करने में लगा है। तीसरी लहर में बच्चों को लेकर भी सावधानी बरतने के लिए चेताया गया है। कोविड-19 की दूसरी लहर में आक्सीजन सिलेंडर के लिए लोगों को कतार में लगना पड़ा था। समस्या गहराने के बाद हालात पटरी पर लौटे थे। स्वास्थ्य विभाग ने चिकित्सकीय ढांचे में प्राण वायु को महत्वपूर्ण श्रेणी में रखा है, जिसके चलते खतौली सीएचसी पर मंसूरपुर की यूपी स्टील फैक्ट्री के साथ मिलकर 500 लीटर प्रति मिनट की क्षमता का आक्सीजन प्लांट तैयार किया गया है। प्लांट का सभी कार्य पूर्ण हो गया है। चिकित्सकों और इंजीनियरों ने इसका ट्रायल भी किया है। चिकित्सा प्रभारी डा. पुष्पेंद्र कुमार ने बताया कि आक्सीजन प्लांट को तकनीकी रूप से सुरक्षित किया जा चुका है। कैप्सूल प्वाइंट से पाइप लाइन में आक्सीजन पहुंचाने की तैयारी की गई है। जल्द ही पूरी सीएचसी में केंद्रीय रूप से आक्सीजन की आपूर्ति सुचारु हो जाएगी।
एड्स की रोकथाम को किया जागरूक
जेएनएन, मुजफ्फरनगर। चरथावल स्थित चंद्रशेखर आजाद महाविद्यालय में विश्व एड्स दिवस पर बुधवार को संगोष्ठी आयोजित हुई, जिसमें निदेशक सत्या वर्मा ने छात्र-छात्राओं को एड्स दिवस की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एड्स एक लाइलाज महामारी है। यह बीमारी संक्रमण से फैलती है। इसकी रोकथाम के लिए सभी को चरित्र के प्रति जागरूक रहना चाहिए।
प्राचार्य डा. गुलाब सिंह ने बताया कि किसी भी लाइलाज बीमारी से बचाव के लिए उसका प्रचार-प्रसार करके नागरिकों को उससे बचाव की जानकारी दी जानी आवश्यक है। यह बीमारी संक्रमित व्यक्ति को छूने या बात करने से नहीं लगती है, बल्कि ब्लड ट्रांसफ्यूजन के दौरान एचआइवी संक्रमित खून चढ़ाने, दूषित सूई से इंजेक्शन लगाने या एचआइवी पाजिटिव गर्भवती के शिशुओं या संक्रमित मां के बच्चों को स्तनपान आदि से लगती है। इस मौके पर राकेश वशिष्ठ, प्रियंका त्यागी, शीबा त्यागी, संगीता शर्मा, योगेश शर्मा, अमित गौड़, अतुल वर्मा, सुनील पुंडीर, विनीत कुमार व साकिब हुसैन आदि उपस्थित रहे।