पुलिस प्रशासन की निगरानी में लोगों को दी गई प्राणवायु
कोरोना वायरस संक्रमण से पीड़ित मरीजों को आक्सीजन मुहैया कराने के लिए पुलिस प्रशासन भी सड़कों पर उतर आया है। आक्सीजन सिलेंडर की मारामारी के मद्देनजर बुधवार को पुलिस प्रशासन ने व्यवस्था बनाते हुए नगर के आइटीआइ कॉलेज से सिलेंडरों का वितरण कराया। कोरोना वायरस संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है। संक्रमित गंभीर मरीजों को सांस लेने में दिक्कत आ रही है जिसके दृष्टिगत उन्हें ऑक्सीजन पर रखा जा रहा है।
जेएनएन, मुजफ्फरनगर। कोरोना वायरस संक्रमण से पीड़ित मरीजों को आक्सीजन मुहैया कराने के लिए पुलिस प्रशासन भी सड़कों पर उतर आया है। आक्सीजन सिलेंडर की मारामारी के मद्देनजर बुधवार को पुलिस प्रशासन ने व्यवस्था बनाते हुए नगर के आइटीआइ कॉलेज से सिलेंडरों का वितरण कराया। कोरोना वायरस संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है। संक्रमित गंभीर मरीजों को सांस लेने में दिक्कत आ रही है, जिसके दृष्टिगत उन्हें ऑक्सीजन पर रखा जा रहा है। कोरोना वायरस संक्रमण के उपचार के लिए निर्धारित किए गए अस्पतालों के अलावा बहुत से मरीज घर पर ही उपचार करा रहे हैं, जिन्हें आक्सीजन सिलेंडर की आवश्यकता पड़ रही है। ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए लोगों में कई दिन से मारामारी की स्थिति बनी हुई थी। सोमवार व मंगलवार रात को औद्योगिक क्षेत्र की रामा गैस व अन्य आक्सीजन एजेंसियों पर लोगों की देर रात तक भीड़ लगी रही। लंबी लंबी लाइन में घंटों लगने के बावजूद मरीजों के तीमारदारों को आक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध नहीं हो सका। बुधवार को इस मामले में सिटी मजिस्ट्रेट अभिषेक सिंह ने व्यवस्था बनाते हुए आइटीआइ कॉलेज में पुलिस की मौजूदगी में लोगों को आक्सीजन सिलेंडर का वितरण कराया। आवश्यकता से अधिक ऑक्सीजन का हो रहा उत्पादन
जिला औषधि निरीक्षक लवकुश प्रसाद ने बताया कि जिले में प्रतिदिन 20 मीट्रिक टन आक्सीजन की आवश्यकता है, जबकि इसके सापेक्ष विभिन्न इकाइयों में 25 मीट्रिक टन आक्सीजन का उत्पादन हो रहा है। उन्होंने बताया कि आक्सीजन लिक्विड के टैंकर न आने के कारण उत्पादन क्षमता 35 से घटकर 25 मीट्रिक टन की रह गई है, लेकिन आसपास के जिलों में भी ऑक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति के चलते जिले में मारामारी की स्थिति बनी हुई थी। उन्होंने बताया कि बुधवार को नगर के आइटीआइ कॉलेज से पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों ने व्यवस्था बनाकर आक्सीजन सिलेंडर का वितरण कराया।