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सब्सिडी डकारने वाले चार बैंककर्मियों पर मुकदमे का आदेश

राशिद अली मुजफ्फरनगर समय पर ऋण चुकाने वाले किसानों को सरकार से मिली करीब 10 लाख की सब्सिडी डकारने के आरोपित चार बैंककर्मियों के विरुद्ध कोर्ट ने मुकदमा दर्ज कर विवेचना करने के आदेश थाना भोपा पुलिस को दिए हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 28 Nov 2020 07:07 AM (IST)Updated: Sat, 28 Nov 2020 07:07 AM (IST)
सब्सिडी डकारने वाले चार बैंककर्मियों पर मुकदमे का आदेश

राशिद अली, मुजफ्फरनगर

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समय पर ऋण चुकाने वाले किसानों को सरकार से मिली करीब 10 लाख की सब्सिडी डकारने के आरोपित चार बैंककर्मियों के विरुद्ध कोर्ट ने मुकदमा दर्ज कर विवेचना करने के आदेश थाना भोपा पुलिस को दिए हैं।

पंजाब एंड सिध बैंक मोरना शाखा के वरिष्ठ प्रबंधक रवि मोहन केम ने अधिवक्ता अरुण कुमार सिंह के माध्यम से शपथ पत्र युक्त प्रार्थना पत्र सीजेएम कोर्ट में देकर आरोप लगाया था कि बैँक में कार्यरत रहे आनंद तिवारी, प्रदीप दुदावे, नितिन कुमार तथा सत्यप्रकाश ने मार्च 2015 से 2019 तक किसान क्रेडिट कार्ड में भारत सरकार द्वारा दी गई तीन प्रतिशत छूट की 975801 रुपये का गबन किया। जिस पर सुनवाई कर सीजेएम रविकांत यादव ने थाना भोपा पुलिस को आरोपितों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर विवेचना करने का आदेश दिया। इस तरह दी जानी थी किसानों का सब्सिडी

नियमानुसार किसान क्रेडिट कार्ड पर लिए गए ऋण तथा ब्याज की धनराशि को एक निश्चित अवधि में जमा करने पर ब्याज पर तीन प्रतिशत की छूट किसानों को दी जाती है। छूट की धनराशि केन्द्र सरकार किसानों के लिए भेजती है। बैंक अधिकारियों का कर्तव्य है कि उक्त छूट कृषक के खाते में जमा करा दें। यदि किसान क्रेडिट कार्ड बंद हो जाता है तो किसान के बचत खाते में उक्त धनराशि जमा की जाती है। यदि कृषक की मृत्यु हो जाती है और उसका बचत खाता बंद हो जाता है तो उक्त छूट की रकम का ड्राफ्ट बनाकर लाकर में रखा जाए। किसान का वारिस उक्त छूट का क्लेम कर सकता है। बैंककर्मियों ने इस तरह किया घोटाला

पंजाब एंड सिध बैंक कर्मचारियों ने 2015 से 2019 तक बैँक द्वारा प्रदत्त आइडी का प्रयोग करके 975801 का ड्राफ्ट अपने परिचितों के खातों में ट्रांसफर कर दिया। बैंक आडिट के समय यह घोटाला पकड़ा गया। जांच में उक्त धनराशि का गबन सही पाया गया। पुलिस विवेचना में प्रभावित किसानों का पता चल पाएगा। इन्होंने कहा..

मुझे इस संबंध में कुछ भी कहने की अनुमति नहीं है। एफआइआर हो जाएगी तो पुलिस विवेचना में सच सामने आ जाएगा।

-रवि मोहन केम, वरिष्ठ प्रबंधक पंजाब एंड सिध बैंक मोरना


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