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श्रद्धा का केंद्र है श्रीनागराज महादेव मंदिर

मुजफ्फरनगर जेएनएन। रामपुर तिराहा हाईवे पर स्थित श्रीनागराज मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का के

By JagranEdited By: Published: Sat, 14 Aug 2021 11:49 PM (IST)Updated: Sat, 14 Aug 2021 11:49 PM (IST)
श्रद्धा का केंद्र है श्रीनागराज महादेव मंदिर
श्रद्धा का केंद्र है श्रीनागराज महादेव मंदिर

मुजफ्फरनगर, जेएनएन।

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रामपुर तिराहा हाईवे पर स्थित श्रीनागराज मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। आसपास के गांव से रोजाना सैकड़ों श्रद्धालु मंदिर में पूजापाठ करने आते हैं। प्रत्येक वर्ष श्रावण मास में शिवलिग पर जलाभिषेक करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है। कांवड़ यात्रा के दौरान हर वर्ष मंदिर प्रांगण में भंडारे का आयोजन किया जाता है, जिसमें रोजाना हजारों शिवभक्त प्रसाद ग्रहण करते हैं। मान्यता है कि यहां पर सच्चे मन से मांगी मुरादें अवश्य पूरी होती हैं। मंदिर का इतिहास

रामपुर तिराहा पर हाईवे किनारे पर नाग देवता रहते थे। 1986 में नाग देवता ने यहीं प्राण त्याग दिए। उनकी समाधि पर 1987 में ग्रामीणों ने चंदा एकत्र कर मंदिर की स्थापना की। शुरुआत में सिर्फ शिवलिग की स्थापना की गई। चार वर्ष बाद शिव-पार्वती की मूर्ति स्थापित की गई। 2014 में ग्रामीणों के सहयोग से बराबर में दूसरे मंदिर का निर्माण कराया गया, जिसमें दुर्गा माता, हनुमान व भैरव बाबा की मूर्ति की स्थापना की गई। मंदिर परिसर में 2021 में सुभाष गुप्ता गणपति होटल वालों ने शनिधाम की स्थापना कराई।

मंदिर की विशेषता

श्रावण मास में प्रतिवर्ष हरिद्वार से आने वालें कांवड़ियों की सेवा में मंदिर परिसर में भंडारे का आयोजन किया जाता है। शिवालय में प्रतिदिन हजारों भोले भोजन व विश्राम करते हैं। श्रावण मास में प्रतिदिन जलाभिषेक करने को दूरदराज से श्रद्धालु आते हैं। मंदिर में प्रतिदिन सुबह-शाम आरती होती है। मान्यता है मंदिर में 45 दिनों तक लगातार पूजा पाठ करने पर मुंह मांगी मनोकामना पूर्ण होती है। इनका कहना है..

मंदिर में प्रतिदिन सुबह-शाम आरती होती है। श्रावण मास व शिवरात्रि पर जलाभिषेक करने वाले शिव भक्तों की भीड़ रहती है। मान्यता है कि जो भक्त शिवलिग पर जलाभिषेक करते हैं उनके बिगड़े काम भी बन जाते हैं।

- पंडित मुन्नालाल, पुजारी

श्रद्धा व भक्ति भाव से जो भी श्रद्धालु मंदिर में आकर मनौतियां मांगता है, भगवान शिव उसकी मनोकामना पूर्ण करते हैं। मंदिर में जलाभिषेक करने वाले के संकट दूर हो जाते हैं।

- प्रदीप शर्मा, श्रद्धालु


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