तलवार-जंजीरों से मातम, पुकारा 'या हुसैन..या हुसैन'
जुलूस के बाद नदी पार कर्बला में ताजिये किए दफन। हजरत इमाम हुसैन को याद कर जार-जार रोए सोगवार।
मुजफ्फरनगर : कर्बला के शहीदों की याद में शिया सोगवारों ने मातमी जुलूस निकाला। जंजीरों व तलवार से खूनी मातम किया गया। जुलूस में बच्चों के साथ युवाओं ने भाग लिया। नदी पार स्थित कर्बला में ताजिये दफन किए गए। इससे पूर्व मौलाना अफसर अली ने नमाज अदा कराई। उन्होंने कहा कि हजरत इमाम हुसैन ने कुर्बानी देकर इस्लाम व इंसानियत को ¨जदा रखा है, उन्हें याद कर सोगवार जार-जार रोए। मुख्य मार्गो के साथ बस्तियों से जुलूस निकाला गया।
मोहर्रम की दसवीं तारीख को नगर में विभिन्न स्थानों पर जुलूस निकाला गया। मौलाना ने खिताब फरमाया कि कर्बला के मैदान में हजरत इमाम हुसैन, उनके छह माह के बेटे अली असगर, भाई हजरत अब्बास समेत 72 लोगों को बंधक बनाकर रखा गया। यजीद की फौज ने जुल्म किए। इमाम हुसैन ने अपनी फौज, रिश्तेदारों के साथ इंसानियत व इस्लाम की खातिर कुर्बानी दी। वाकया सुनकर सोगवारों की आंख से आंसू आ गए। इसके बाद इमाम बारगाह से जुलूस निकाले गए। मल्हूपुरा, लद्दावाला व अंजुमन खादिमे हुसैन सुन्नत वल जमात के नोहाखान सलीम अहमद, वसीम साबर, रफीक खैरी, जावेद सोनू व मेहराज वारसी ने नोहाख्वानी की। जुलूस न्याजूपुरा, मिमलाना रोड, मोतीमहल से प्रेमपुरी, किदवईनगर, नावल्टी चौक व शिवचौक से होते हुए जाहिद हॉल, सज्जादिया खुर्जेवाला इमाम बारगाह आरफी, नदी वाला प्रेमपुरी, कटहरा, पीरवाला व अबूपुरा से निकले कदीमी जुलूस भी सम्मलित रहे। हनुमान चौक पर सोगवारों ने जंजीरों व तलवारों से खूनी मातम किया। इमाम बारगाह किहाना-ए-पंजेतानी न्याजूपुरा से भी जुलूस निकाला गया। नोहेख्वानी शादाब व शमशाद ने की। इसके बाद जुलूस के रूप में ताजिये लेकर काली नदी पार स्थित कर्बला में मुतवल्ली हैदर मेहंदी एडवोकेट, मास्टर सादिक की देखरेख मे सुपुर्द-ए-खाक किए गए। उधर, रात्रि में शाम-ए-गरीबा से मशाल जुलूस मोती महल से इमामबाड़ा यादगारे हुसैनी पहुंचा। यहां पर मौलाना ने खिताब फरमाया। जुलूस के दौरान शहरभर में रूट डायवर्ट रखा गया है। इससे कई स्थानों पर यातायात व्यवस्था चरमरा गई। जुलूस के दौरान कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रही। पुलिस ने प्वाइंटवार जुलूस के लिए सुरक्षा मुहैया कराई।