प्रधानी का चुनाव लड़ने को पालिका लिपिक ने मांगा वीआरएस
गांव से प्रधान पद का चुनाव लड़ने के इच्छुक निर्माण विभाग के लिपिक ने पालिका अध्यक्ष अंजू अग्रवाल को अपना त्याग-पत्र सौंपते हुए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की मांग की। उन्होंने वीआरएस लेकर चुनाव के बाद प्रधान बनने पर गांव के लोगों की सेवा करने की इच्छा जताई है।
जेएनएन, मुजफ्फरनगर। गांव से प्रधान पद का चुनाव लड़ने के इच्छुक निर्माण विभाग के लिपिक ने पालिका अध्यक्ष अंजू अग्रवाल को अपना त्याग-पत्र सौंपते हुए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की मांग की। उन्होंने वीआरएस लेकर चुनाव के बाद प्रधान बनने पर गांव के लोगों की सेवा करने की इच्छा जताई है।
विकास खंड मोरना क्षेत्र के रसूलपुर गांव निवासी रणधीर सिंह पुत्र नकली सिंह की नियुक्ति निर्माण विभाग में लिपिक पद पर गत 16 अगस्त, 1996 को हुई थी। रणधीर सिंह ने नगरपालिका अध्यक्ष अंजू अग्रवाल को शपथ-पत्र सहित अपना त्याग-पत्र सौंपते हुए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति देने की मांग की। उन्होंने कहा कि वह रसूलपुर गांव से प्रधान पद का चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं। सेवाभाव के लिए वह नगरपालिका के अपने दायित्व से मुक्ति चाहते हैं।
वर्तमान में वह पालिका कर विभाग के वाद संबंधी कार्य करा रहे हैं। संबंधित अभिलेख वर्तमान में उसके पास सुरक्षित हैं, जो उनकी स्वीकृति उपरांत कर विभाग को उपलब्ध करा देंगे। रणधीर सिंह ने अनुरोध किया कि उन्हें स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का लाभ तत्काल अनुमन्य किया जाए।
प्रत्याशियों से लिया जा रहा अतिरिक्त शुल्क
जेएनएन, मुजफ्फरनगर। जानसठ ब्लाक में पंचायत चुनाव में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है। कई कर्मचारियों का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल होने के बाद भी कोई कार्रवाई न होने पर कर्मचारी बेखौफ होकर लोगों से नोड्यूज व वोटर लिस्ट देने के नाम पर अवैध वसूली में लगे हुए हैं।
जैसे-जैसे पंचायत चुनाव में पर्चे दाखिल करने का समय नजदीक आता जा रहा है। वैसे ही ब्लाक में भ्रष्टाचार के मामले सामने आ रहे हैं। दो दिन पहले ही ब्लाक के कई कर्मचारियों समेत सेक्रेटरी का भी नोड्यूज व ब्लाक से मिलने वाली मतदाता सूची के एवज में अवैध वसूली का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुआ था। इस मामले में कोई कार्रवाई न होने के कारण ब्लाक के कर्मचारियों का दुस्साहस बढ़ गया है। शनिवार को कैलापुर जसमौर से आरक्षित प्रधान पद का पर्चा भरने आए देवल निवासी फूल सिंह ने बताया कि हर काउंटर पर पैसे मांगे गए। पर्चा भी तय से दोगुने रेट पर दिया जा रहा है। उन्होंने नोड्यूज बनवाया तो वहां भी पांच सौ रुपये की मांग की। बाद में सौदेबाजी कर 200 रुपये देकर प्रमाण-पत्र बनवाया। इसी तरह से दर्जनों लोग इस अवैध वसूली से परेशान होकर खतौली विधायक विक्रम सैनी से शिकायत करने के लिए गए। इस संबंध में बीडीओ संत प्रकाश से बात करनी चाही तो उन्होंने फोन नहीं उठाया।