अनुच्छेद 370 खत्म करना सरकार का साहसी कदम
राजनीतक आर्थिक और सामाजिक मसलों पर पैनी नजर रखने वाले पीजेंट वेलफेयर एसोसिएशन के चेयरमैन अशोक बालियान बताते हैं कि केंद्र सरकार ने राष्?ट्रपति के आदेश से जम्?मू-कश्?मीर से अनुच्छेद 370 को हटा दिया है। जम्मू-कश्मीर अलग केंद्र शासित प्रदेश बनेगा और लद्दाख को अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाया जाएगा।
मुजफ्फरनगर, जेएनएन। राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक मसलों पर पैनी नजर रखने वाले पीजेंट वेलफेयर एसोसिएशन के चेयरमैन अशोक बालियान बताते हैं कि केंद्र सरकार ने राष्ट्रपति के आदेश से जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटा दिया है। जम्मू-कश्मीर अलग केंद्र शासित प्रदेश बनेगा और लद्दाख को अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाया जाएगा। जम्मू-कश्मीर का राष्ट्रध्वज अलग था, वह भी इस अनुच्छेद के खत्म होने के साथ ही उतार दिया गया सन 1814 तक कश्मीर पंजाब पहाड़ी राज्य के नाम से जाना जाता था, जिसमें 22 छोटे-छोटे स्वतंत्र राज्य आते थे। यहां पर मुगल-सहयोगी राजपूतों का शासन हुआ करता था। वर्ष 1990 में कश्मीरी पंडितों को कश्मीर में अपने घर छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया गया था, तब से लेकर अब तक लाखों कश्मीरी पंडित अपने घरों से दूर रह रहे हैं। कश्मीर के नेता शेख अब्दुल्लाह और प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के मध्य 1952 में हुए दिल्ली समझौते के अंतर्गत जम्मू-कश्मीर के संबंध में संविधान के अनेक प्रावधानों का विस्तार किया गया तथा अनुच्छेद 35 ए को इससे जोड़ा गया था। अभी तक जम्मू-कश्मीर में दूसरे राज्यों का कोई भी नागरिक न तो संपत्ति खरीद सकता है और न ही वहां का स्थायी नागरिक बनकर रह सकता था। अनुच्छेद 35ए के कारण जम्मू-कश्मीर की कोई लड़की किसी बाहर के लड़के से शादी कर लेती है तो उसके सारे अधिकार खत्म हो जाते हैं। साथ ही उसके बच्चों के अधिकार भी खत्म हो जाते है। जम्मू-कश्मीर में पूंजी लगाने के लिए कोई तैयार नहीं, क्योंकि यह धारा आड़े आती है। वर्ष 1947 में हुए बंटवारे के दौरान लाखों लोग पाकिस्तान से शरणार्थी बनकर भारत आए, लेकिन जम्मू-कश्मीर में बसे लोगों की चौथी-पांचवीं पीढ़ी आज भी अनुच्छेद 35ए के कारण शरणार्थी है। अनुच्छेद 370 व 35ए खत्म करना केंद्र सरकार का एक अच्छा व साहसी कदम है।