प्रभु श्रीराम की बाल लीलाएं सुन श्रद्धालु मंत्रमुग्ध
दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के सानिध्य में आदर्श रामलीला भवन पटेलनगर में चल रही श्रीराम कथा में कथावाचक साध्वी सौम्या भारती ने कथा सुनाकर संगत को भाव विभोर कर दिया। प्रभु श्रीराम अपनी दिव्य लीलाओं का वर्णन किया। साध्वी ने कहा कि अहिल्या जो जड़ हो चुकी थी लेकिन प्रभु के चरणों की रज पाकर चेतन हो गई। अहिल्या बुद्धि और
मुजफ्फरनगर : दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के सानिध्य में आदर्श रामलीला भवन पटेलनगर में चल रही श्रीराम कथा में कथावाचक साध्वी सौम्या भारती ने कथा सुनाकर संगत को भाव विभोर कर दिया। प्रभु श्रीराम अपनी दिव्य लीलाओं का वर्णन किया।
साध्वी ने कहा कि अहिल्या जो जड़ हो चुकी थी लेकिन प्रभु के चरणों की रज पाकर चेतन हो गई। अहिल्या बुद्धि और श्रीराम की चरण-रज विवेक का प्रतीक है। विवेक से ही चेतना का संचार होता है। श्रीराम का जानकी से प्रथम मिलन पुष्प वाटिका में होता है। यह पुष्प वाटिका संत समाज का प्रतीक है। जब हमारे जीवन में सत्संग का आगमन होता है तब हमारा मिलन प्रभु एवं भक्ति से होता है। उन्होंने कहा कि जब तक हम ईश्वर से नहीं मिल पाते, उसका साक्षात्कार नहीं कर लेते, तब तक जीवन में सत्संग नहीं हो सकता। सत्संग मात्र बातें या चर्चा का विषय नहीं वरन व्यवहारिकता है। हमारे जीवन में वास्तविक सत्संग तब घटित होगा जब हम ईश्वर को जान लेंगे। आज व्यक्ति व समाज को ऐसे गुरु की आवश्यकता हैं। जो ब्रह्मज्ञान से शांति की स्थापना कर समाज, देश तथा विश्व को शांत कर सके। समाज में एक भव्य क्रांति आ सकती है। कथा में भजनों के श्रवण से उपस्थित श्रृद्धालुओं ने खूब आनन्द उठाया। आरती के साथ कथा का समापन हुआ। अतिथि डॉ. वीके जौहरी, डॉ अंजू गर्ग, डॉ एमएल गर्ग, शैली रंजन, रजनी गोयल, अनमोल गोयल रहे।