विकास को तरस रहा जिले का कांवड पटरी मार्ग
कांवड़ियों के लिए मुजफ्फरनगर की हृदय स्थली शिव चौक आस्था का बड़ा केंद्र है। हरिद्वार से गंगाजल लेकर पुरामहादेव की ओर बढ़ने वाले कांवड़ियों के लिए सावन में जिला प्रशासन तमाम व्यवस्था करता है लेकिन पैदल कांवड़ लेकर चलने वाले अधिकतर कांवड़िए शहर की भीड़ से बचने के लिए गंगनहर कांवड़ पटरी मार्ग से जाते हैं जिनके सामने गंगनहर कांवड पटरी मार्ग पर फैली अव्यवस्था भी बड़ी परेशानी का सबब बनती है जिस समस्या के दूर होने का केवल मुजफ्फरनगर के लोगों को ही इंतजार नहीं है बल्कि हरियाणा दिल्ली सहित उन राज्य के शिवभक्तों को भी इंतजार है जो सावन में कांवड़ लेकर आते हैं।
मुजफ्फरनगर, जेएनएन। कांवड़ियों के लिए मुजफ्फरनगर की हृदय स्थली शिव चौक आस्था का बड़ा केंद्र है। हरिद्वार से गंगाजल लेकर पुरामहादेव की ओर बढ़ने वाले कांवड़ियों के लिए सावन में जिला प्रशासन तमाम व्यवस्था करता है, लेकिन पैदल कांवड़ लेकर चलने वाले अधिकतर कांवड़िए शहर की भीड़ से बचने के लिए गंगनहर कांवड़ पटरी मार्ग से जाते हैं, जिनके सामने गंगनहर कांवड पटरी मार्ग पर फैली अव्यवस्था भी बड़ी परेशानी का सबब बनती है, जिस समस्या के दूर होने का केवल मुजफ्फरनगर के लोगों को ही इंतजार नहीं है, बल्कि हरियाणा, दिल्ली सहित उन राज्य के शिवभक्तों को भी इंतजार है, जो सावन में कांवड़ लेकर आते हैं।
कोरोना के चलते भले ही सावन में हरिद्वार से जल उठाने पर पाबंदियों के कारण कांवड़िए मुजफ्फरनगर की गंगनहर कांवड़ पटरी मार्ग पर न निकले हों, लेकिन कोरोना से पूर्व जिले में पुरकाजी से खतौली तक गंगनहर कांवड पटरी मार्ग पर कांवड़ियों की आवाजाही रही है। उससे भी ज्यादा संख्या हाईवे से शहर में प्रवेश करते हुए शिव चौक से होकर जाने वालों की रहती है। सावन में शहर की व्यस्त सड़कों को कांवड़ियों की भीड़ से बचाने और सुरक्षा के दृष्टिकोण से गंगनहर कांवड पटरी मार्ग को तैयार किया गया। पुरकाजी से खतौली तक करीब 55 किलोमीटर तक बने गंगनहर कांवड पटरी मार्ग पर अव्यवस्था अधिक हैं, जिस कारण भी कांवड़िए गंगनहर मार्ग पर चलने से कतराते हैं। इसके चलते सिसौना के रास्ते कच्ची सड़क को होते हुए शिव चौक की परिक्रमा करते हुए ही पुरामहादेव और दिल्ली सहित अन्य स्थानों की ओर प्रस्थान करते हैं। इसके तहत शहर में कई रास्ते तक कुछ दिन के लिए बंद करने पड़ते हैं। इन सुविधाओं का बड़ा अभाव
कांवड़ियों के लिए पुरकाजी से खतौली तक बनी गंगनहर कांवड़ पटरी मार्ग पर रात में चलने की परेशानी रहती है। इस मार्ग पर स्ट्रीट लाइटों की बड़ी कमी है, जिस कारण रात में चलने से कांवड़िए कतराते हैं। इसके अलावा सावन से ठीक पहले ही सड़क की मरम्मत की जाती है, जिससे बरसात में रोड़ियां पैरों में चुभने की समस्या होती है। वहीं गंगनहर पटरी मार्ग पर नहर के किनारे सपोर्ट के लिए रेलिग आदि व्यवस्था की मांग भी उठ रही है, जो वर्षो से अधूरी है।
मुंह मोड़ रहे लोग
जागरण संवाददाता, खतौली : गंगनहर कांवड़ पटरी मार्ग से बुआड़ा रोड को जोड़ने वाला मिनी बाइपास गड्ढों में तब्दील है। दोपहिया वाहन चालक फिसलकर गिर जाते हैं। लोगों ने इस मार्ग से किनारा कर लिया हैं। लोग कस्बे के अंदर से गुजर रहे हैं। लोगों ने सड़क के मरम्मत की मांग की हैं। क्षेत्र के नागरिक राकेश, अनुज, दलीप, मेहर सिंह, रामनिवास, सुजान, कासिम, शहजाद, राशिद व गुलफाम आदि का कहना है गन्ने से लदे वाहनों के कारण जाम की समस्या से निपटने के लिए इस मार्ग का निर्माण कराया गया था। मिनी बाइपास बुरी तरह से क्षतिग्रस्त है।