विभाग की उदासीनता से खाली हो रहा सरकार का खजाना
मुजफ्फरनगर, जेएनएन। जिले में बड़ी संख्या में कोठी-बंगले और जमीन-जायदाद वाले लोग गरीबों का राशन हजम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लेकर जिलाधिकारी स्तर से अपात्रों से राशन कार्ड सरेंडर करने की बार-बार अपील हो रही है, लेकिन इसके बावजूद भी मुजफ्फरनगर में राशन कार्ड सरेंडर करने की रफ्तार धीमी ही दिख रही है। अप्रैल से शुरू हुई इस प्रक्रिया के तहत अभी तक जिले में केवल 13 हजार के करीब ही अपात्र लोगों ने अपने राशन कार्ड विभाग में सरेंडर किए हैं, जबकि यहां 5,08,493 राशन कार्डधारक विभाग में पंजीकृत हैं।
पहले ई-पाश राशन घोटाला और फिर मुजफ्फरनगर में तैनात रहे तत्कालीन डीएसओ बीके शुक्ला और एक कर्मचारी के जेल जाने से मुजफ्फरनगर का पूर्ति विभाग कार्यालय चर्चा में रहता है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के दौरान ही कोटेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए जिले में अपात्रों के बड़ी संख्या में राशन कार्ड बनाए गए थे, जो ई-पाश राशन घोटोले में उजागर हुआ था। इसके बाद कोरोना के समय में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत पात्रों के कार्ड बनने शुरू हुए तो अपात्रों के कार्ड बने होने से लक्ष्य पहले ही पूर्ण हो गया, जिससे अधिक संख्या में पात्र लोग सरकार दो योजना के राशन लाभ से वंचित रहे। अब मुख्यमंत्री ने अपात्रों को योजना से हटाने के लिए कार्ड सरेंडर करने की घोषणा की, जिसमें जिलाधिकारी चंद्रभूषण सिंह भी लगातार अपात्रों से कार्ड सरेंडर करने की अपील कर रहे हैं, लेकिन जिले में इस अपील का भी अधिक प्रभाव नहीं दिख रहा है। हालांकि अप्रैल से कार्ड सरेंडर करने का कार्य चल रहा है, जिसमें अभी तक विभाग ने 13 हजार कार्ड ही सरेंडर करने का दावा किया है, जबकि जिले में राशन कार्डधारक 5,08,493 हैं। गौर करें तो नगरीय क्षेत्र के एआरओ श्याम सुंदर राम के अनुसार कुल 1300 कार्ड, जानसठ एआरओ विकास कुमार के अनुसार कुल 1000, खतौली से कुल 700 के करीब ही कार्ड सरेंडर हुए हैं। शेष अन्य स्थानों से सरेंडर होने का दावा है। डीएसओ प्रभारी कमलेश सिंह का कहना है कि सरेंडर करने के लिए अपात्र लोग कार्यालयों पर स्वयं पहुंच रहे हैं। धीरे-धीरे ही कार्ड सरेंडर होंगे। लोगों में जागरूकता बढ़ रही है। विभाग भी सरेंडर कराने के लिए काम कर रहा है।
ग्रामीण क्षेत्र में यह हैं अपात्रता के नियम
कार्डधारक के सदस्यों में कोई आयकरदाता न हो, चार पहिया वाहन व ट्रैक्टर, हार्वेस्टर, एसी, 5 केवी से अधिक क्षमता का जनरेटर न हो, किसी सदस्य के पास अकेले या अन्य सदस्य के स्वामित्व में पांच एकड़ से अधिक सिंचित भूमि न हो, सभी सदस्यों की आय दो लाख प्रतिवर्ष से अधिक न हो, किसी सदस्य के पास एक से अधिक शस्त्र लाइसेंस व शस्त्र न हो।
नगरीय क्षेत्र में यह हैं अपात्रता का नियम
कार्डधारक सदस्यों में कोई आयकरदाता न हो, चार पहिया वाहन, एसी, 5 केवी क्षमता से अधिक का जनरेटर न हो, सदस्य के पास अकेले या अन्य सदस्य के स्वामित्व में 100 वर्ग मीटर से अधिक का स्वअर्जित आवासीय प्लाट न हो। वहीं प्लाट पर स्वनिर्मित मकान व 100 वर्ग मीटर से अधिक कार्पेट एरिया का आवासीय फ्लैट न हो, धारक के परिवार में 80 वर्ग मीटर या उससे अधिक कार्पेट एरिया का व्यावसायिक स्थान न हो, सभी सदस्यों की आय तीन लाख प्रतिवर्ष से अधिक न हो, परिवार में एक से अधिक शस्त्र लाइसेंस या शस्त्र नहीं होने चाहिए।