राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत कोविड-19 महामारी के दौरान अस्थाई तौर से वार्ड ब्वाय के पद पर नियुक्ति कराने का झांसा देकर कई लोगों से 40-40 हजार रुपये की ठगी कर ली गई। रुपये लेकर बाकायदा नियुक्ति पत्र भी जारी कर दिए। आधी रकम दिए जाने के बावजूद जब एक महिला को नियुक्ति पत्र नहीं मिला तो उसने बाकी रकम देने के नाम पर एक आरोपित को सीएमओ कार्यालय बुलाकर पकड़वा दिया।
मुजफ्फरनगर, जेएनएन। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत कोविड-19 महामारी के दौरान अस्थाई तौर से वार्ड ब्वाय के पद पर नियुक्ति कराने का झांसा देकर कई लोगों से 40-40 हजार रुपये की ठगी कर ली गई। रुपये लेकर बाकायदा नियुक्ति पत्र भी जारी कर दिए। आधी रकम दिए जाने के बावजूद जब एक महिला को नियुक्ति पत्र नहीं मिला तो उसने बाकी रकम देने के नाम पर एक आरोपित को सीएमओ कार्यालय बुलाकर पकड़वा दिया।
कोरोना महामारी के दौरान स्वास्थ्य विभाग की ओर से विभिन्न कार्य के लिए अस्थाई नर्सिंग स्टाफ भर्ती किया गया था। धोखेबाजों ने इसी बात का अनुचित लाभ उठाते हुए बेरोजगारों को निशाना बनाया। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन का हवाला देते हुए अस्थाई पदों पर वार्ड ब्वाय की नियुक्ति की बात लोगों से कही गई। गांव तेजलहेड़ा निवासी सविता पत्नी संतरपाल ने बताया कि उसने उस सहित एक अन्य महिला की नियुक्त कराने के लिए रुड़की रोड स्थित एक नर्सिंग होम पर काम करने वाले युवक को 40 हजार रुपए दिए थे। बताया कि बाकी की रकम नियुक्ति पत्र मिलने के बाद देने की बात कही गई थी। आरोप है कि रुपये लेकर भी नियुक्ति पत्र नहीं दिया गया। तब उन्होंने बाकी रकम देने की बात कहकर सुमित को सीएमओ आफिस बुलाया था। वहां पर नितिन कुमार निवासी तेजलहेड़ा तथा रामपुरी निवासी सीमा भी मौजूद थे। दोनों ने आरोप लगाया कि उनसे भी रुपए लेकर फर्जी नियुक्ति पत्र थमा दिये गए। आरोपित के फोन पर करने पर मध्यस्थता के लिए कुछ नेता भी पहुंचे गए। सीएमओ डा. प्रवीण कुमार चोपड़ा ने बताया कि उनकी जानकारी में आया है कि चिकित्सा अधिकारी की फर्जी मुहर बनवाकर कुछ लोगों ने धोखाधड़ी की है। वह मामले की शिकायत पुलिस से करेंगे।