फ्लैक्स, बैनर व पोस्टर से पटने लगी हैं गांवों में दीवारें
न तारीखों की घोषणा और न परिसीमन व आरक्षण की जानकारी फिर भी दीवारें बैनरों और पोस्टरों से पटने लगी हैं। गांवों में पंचायत चुनावों को लेकर सरगर्मियां बढ़ रही हैं।
जेएनएन, मुजफ्फरनगर। न तारीखों की घोषणा और न परिसीमन व आरक्षण की जानकारी, फिर भी दीवारें बैनरों और पोस्टरों से पटने लगी हैं। गांवों में पंचायत चुनावों को लेकर सरगर्मियां बढ़ रही हैं।
प्रधानों का शुक्रवार आधी रात से कार्यकाल समाप्त हो जाएगा। ग्राम पंचायतों की बागडोर सचिवों के हाथ में आ जाएगी। पुलिस, प्रशासन, बीएलओ आदि की तैयारियों को देखें तो अंदाजा है कि मार्च-2021 से पहले सरकार पंचायत चुनाव करा सकती है। प्रधान, जिला पंचायत व क्षेत्र पंचायत सदस्य, प्रमुख आदि पदों के लिए मतदान होगा। हालांकि अधिकारिक तौर पर अभी न आरक्षण का पता है और न ही परिसीमन की जानकारी है। कौन सा गांव जिला पंचायत के किस वार्ड में रहेगा और प्रधान पद के लिए सीट सामान्य, ओबीसी या एससी में कहां आरक्षित होगी, इसकी किसी को जानकारी नहीं है, लेकिन उम्मीदवारों ने अपना काम शुरू कर दिया है। गांवों में नव वर्ष की शुभकामनाएं देते हुए आपका भाई या आपका बेटा के फ्लैक्स, बैनर व पोस्टर लगा दिए गए हैं। उम्मीदवार बड़ों के पैर छूकर आशीर्वाद लेते हुए माहौल पक्ष में करने में जुटने लगे हैं। चौपाल, दुकान, खेत आदि जगहों पर वर्तमान प्रतिनिधि या नए चेहरे के चुनाव लड़ने को लेकर चर्चा का दौर जारी है।
तकनीक का भी इस्तेमाल
जेएनएन, मुजफ्फरनगर। पंचायत चुनावों को लेकर जिला पंचायत वार्ड नंबर लिखकर तथा गांवों के नाम से सोशल मीडिया पर वाट्सएप ग्रुप बनाए जा रहे हैं। इन ग्रुपों से प्रत्याशी अपने लोगों से चुनावी माहौल बनवाते नजर आ रहे हैं। समर्थक प्रत्याशी के पक्ष में लोगों को जोड़ने के लिए तारीफों के पुल बांधते नजर आते हैं।