लापरवाही की आग में झुलस रही अग्निसुरक्षा
आग बुझाने के संसाधनों की कमी से जूझ रहा अग्निशमन विभाग।
मुजफ्फरनगर : अग्निसुरक्षा के प्रति लापरवाही एवं जागरूकता का अभाव लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष तौर से आग की तपिश में झुलसा रहा है। विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम चलाने के बावजूद जिला अग्निशमन विभाग संसाधनों की कमी से जूझ रहा है। जिला मुख्यालय को छोड़कर केवल खतौली में ही आग बुझाने के संसाधन मौजूद हैं, जबकि बुढाना व जानसठ में फायर स्टेशन की स्थापना फिलहाल प्रस्तावित है।
चढ़ता पारा व धूप की तपिश लोगों को झुलसा रही है। यही वह समय है जब खेत व अन्य स्थानों सहित मकान-दुकान आदि में आग भयावह रूप धारण कर लेती है, लेकिन आग लगने व उसके भयावह रूप लेने का कारण सिर्फ मौसम में गर्माहट ही नहीं, बल्कि आम आदमी को आग बुझाने के सही तरीकों को पूरा ज्ञान न होना व उन कारणों के प्रति जागरूक न होना अहम जिनके चलते आग लगती है। जिले में केवल चार गाड़ियां
जिला अग्निशमन विभाग के पास आग बुझाने के संसाधनों का नितांत अभाव है। विभाग के पास आग बुझाने में कारगर फायर टेंडर यानी आग बुझाने में काम आने वाली केवल चार ही गाड़ियां हैं। जिनमें तीन मोटर फायर इंजन व एक छोटा हाईजेक है। इनमें दो मोटर फायर इंजन गाड़ियां जिला मुख्यालय पर हैं, जबकि एक को खतौली में तैनात किया गया है। इस गाड़ी का प्रयोग खतौली व आसपास सहित जानसठ आदि क्षेत्र में आग आदि की घटनाओं पर काबू पाने में किया जाता है। गलियों के लिए केवल
एक छोटा हाईजेक
मुजफ्फरनगर शहर काफी पुराना बसा होने के कारण कुछ आवासीय क्षेत्र ऐसे हैं, जहां संकरी गलियां हैं। ऐसे में यदि किसी मकान या दुकान आदि में आग लग जाए तो बड़ी गाड़ी या मोटर फायर इंजन आग बुझाने के लिए वहां नहीं पहुंच सकता। ऐसे में छोटा हाईजेक इंजन ही काम आता है। इसकी क्षमता 400 लीटर की होती है, लेकिन पूरे जनपद में केवल एक ही छोटा हाईजेक इंजन होने के कारण एक समय में दो संकरी गलियों में लगी आग पर साथ-साथ काबू नहीं पाया जा सकता। विभाग के पास मैन
पावर का अभाव
जिला अग्निशमन विभाग के पास मानव संसाधन का भी बड़ा अभाव है। जिले में केवल 22 कांस्टेबल, दो हेड कांस्टेबल, पांच ड्राईवर हैं, जबकि फायर आफिसर की कमी है। विभाग सेकेंड फायर आफिसर को ही चार्ज देकर काम चला रहा है। जनपद में इस समय छोटे बड़े कर्मियों सहित 39 का स्टाफ है, जबकि इनसे दोगुना की आवश्यकता है। विलुप्त होते जा रहे
फायर हाईड्रेंट पंप
शहर के किसी व्यस्त इलाके में आग लगने पर उस पर समय रहते काबू पाने के लिए आवश्यक मात्रा में पानी की जरूरत पड़ती है। आग बुझाने में समय रहते पानी की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए नगर पालिका के तत्वावधान में अग्निशमन विभाग के लिए हाईड्रेंट पंप्स में पानी की आवश्यकता मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाती है। नगर में एक दर्जन से अधिक स्थानों पर हाईड्रेंट पंप लगे हैं, लेकिन कुछ को छोड़कर अधिकतर विलुप्त हो चुके हैं, हालांकि अग्निशमन विभाग उनकी पूर्ण जानकारी होने का दावा करता है। इन स्थानों पर स्थापित हैं हाईट्रेंट पंप
अग्निशमन विभाग के अनुसार नगर के टाउनहाल, झांसी की रानी, सदर बाजार, सोल्जर्स बोर्ड, एसटी मार्केट, भगत सिंह रोड पर बाबूराम पत्थर वाले के समीप, घास मंडी, पचेंडा रोड आदि स्थानों पर हाईड्रेंट पंप लगे हैं। इनके अलावा शहर में विभिन्न स्थानों पर स्थापित पालिका नलकूप से भी आकस्मिक स्थिति में पानी लिया जा सकता है। इन्होंने कहा.
अग्निशमन विभाग के पास संसाधनों की कमी है। बावजूद विभागीय कर्मी किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए हर समय तैयार रहते हैं। समय-समय पर जागरूकता कार्यक्रम भी चलते हैं, और विद्यालयों व अन्य स्थानों पर जाकर लोगों को अग्निसुरक्षा के प्रति सचेत व प्रशिक्षित किया जाता है।
- रमाशंकर तिवारी, सीएफओ