आरबीआइ के आडिट में खुला था किसान सब्सिडी घोटाला
पंजाब एंड सिध बैंक की मोरना शाखा में किसानों के नाम आई सब्सिडी डकारने का काम पांच वर्ष तक चलता रहा। रिजर्व बैंक आफ इंडिया के अधिकारियों ने शाखा में आडिट किया तो घोटाला पकड़ में आया। आरबीआइ अधिकारियों के निर्देश के बाद ही बैंक शाखा प्रबंधक ने आरोपितों पर एफआइआर के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
जेएनएन, मुजफ्फरनगर। पंजाब एंड सिध बैंक की मोरना शाखा में किसानों के नाम आई सब्सिडी डकारने का काम पांच वर्ष तक चलता रहा। रिजर्व बैंक आफ इंडिया के अधिकारियों ने शाखा में आडिट किया तो घोटाला पकड़ में आया। आरबीआइ अधिकारियों के निर्देश के बाद ही बैंक शाखा प्रबंधक ने आरोपितों पर एफआइआर के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
किसान क्रेडिट कार्ड पर जनपद की सैकड़ों बैंक शाखाओं में प्रति वर्ष हजारों करोड़ रुपये का ऋण किसानों को बांटा जा रहा है। अब तक लाखों किसान योजना का लाभ उठा चुके हैं। केंद्र सरकार की योजना के तहत समय पर ब्याज व ऋण चुकता करने वाले किसानों को ब्याज पर तीन प्रतिशत की छूट प्रदान की जाती है। छूट का पैसा केंद्र सरकार ही बैंकों को भेजती है, जिसे किसानों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी बैंक शाखा की होती है। मगर पंजाब एंड सिध बैंक की मोरना शाखा में ऐसा नहीं हुआ। मार्च 2015 से लेकर 2019 तक जिन किसानों ने किसान क्रेडिट कार्ड के तहत ऋण व ब्याज चुकता किया, उनके नाम आई सब्सिडी को बैंक कर्मी डकारते रहे। रिजर्व बैंक आफ इंडिया के अधिकारियों ने आडिट किया तो उसमें यह घोटाला खुल गया। आडिट में सामने आया कि सब्सिडी के लिए आया करीब 10 लाख रुपये का गबन किया गया।
जानकारी दी गई तो आरबीआइ के उच्चाधिकारियों ने ही पंजाब एंड सिध बैंक मोरना शाखा के वरिष्ठ प्रबंधक को इस संबंध में कानूनी कदम उठाने के निर्देश दिए। इसके बाद अधिवक्ता के माध्यम से आरोपितों के विरुद्ध एफआइआर दर्ज कराने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया।
आरोपितों ने जमा कराई गबन की गई रकम
आरोपितों के विरुद्ध एफआइआर दर्ज कराए जाने के आरबीआइ के आदेश से हड़कंप मच गया था। इसके बाद आरोपितों ने चुपचाप गबन की गई रकम बैंक खातों में जमा करा दी। पंजाब एंड सिध बैंक मोरना शाखा के वरिष्ठ प्रबंधक रवि मोहन केम का कहना है कि पुलिस विवेचना में मामला साफ हो जाएगा