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धान खरीद में देरी पर बिफरे किसान

लखनऊ से आनलाइन रजिस्ट्रेशन कराने के बाद भी समय से धान खरीद न होने से किसान आक्रोशित हैं। ग्रामीणों ने क्षेत्र में दूसरा क्रय केंद्र खोलने की मांग करते हुए हंगामा काटा। एसएमआइ ने भी दूसरा केंद्र खुलवाने पर सहमति जताई।

By JagranEdited By: Published: Mon, 12 Oct 2020 10:49 PM (IST)Updated: Mon, 12 Oct 2020 10:49 PM (IST)
धान खरीद में देरी पर बिफरे किसान
धान खरीद में देरी पर बिफरे किसान

मुजफ्फरनगर, जेएनएन। लखनऊ से आनलाइन रजिस्ट्रेशन कराने के बाद भी समय से धान खरीद न होने से किसान आक्रोशित हैं। ग्रामीणों ने क्षेत्र में दूसरा क्रय केंद्र खोलने की मांग करते हुए हंगामा काटा। एसएमआइ ने भी दूसरा केंद्र खुलवाने पर सहमति जताई।

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फलौदा के पास खाद्य तथा रसद विभाग की ओर एक अक्तूबर से 31 जनवरी तक धान खरीदने के लिए क्रय केंद्र खोला गया है। केंद्र पर खादर व अन्य जगहों से धान लेकर आ रहे किसानों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सोमवार सुबह केंद्र पर तुगलकपुर, कम्हेड़ा, खेड़की, अलमावाला आदि गांवों के किसान धान से भरी ट्रालियां लेकर पहुंचे। भीड़ देख स्टाफ ने सिर्फ तीन ट्रालियों के तौले जाने की बात कहकर हाथ खड़े कर दिए। इस पर किसान बिफर पड़े। ग्रामीण गोविद शर्मा, सुनील शर्मा, मिथुन, जयकुमार, सचिन, गुरचरण व सुरजीत सिंह आदि ने बताया कि आठ तारीख को सभी ने आनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया था। नौ तारीख को टोकन मिला। बताया कि स्टाफ ने नौ व दस तारीख को व्यस्तता और 11 की छुट्टी बताकर 12 में धान लेकर आने को कहा था। आरोप लगाया कि चार दिन बाद गांवों से किसान धान लेकर पहुंचे तो भीड़ देखकर स्टाफ सिर्फ तीन ट्रालियां तौलने की बात कहने लगा। मामले को लेकर किसानों में गुस्सा नजर आया।

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राशन बटने के कारण है परेशानी

पुरकाजी : खाद्य तथा रसद विभाग क्रय केंद्र पर मौजूद स्टाफ का कहना है कि धान खरीद के साथ केंद्र से राशन का अनाज भी उठवाने का काम चल रहा है। इसके चलते मजदूरों की कमी भी धान खरीद में व्यवधान पैदा कर रही है। किसानों ने बताया कि खादर में सबसे ज्यादा धान पैदा होता है। कहा कि समस्या के समाधान को लेकर सरकार को वहां भी क्रय केंद्र खोलना चाहिए।

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धान बेचने वाले किसानों की भीड़ बहुत है। ज्यादा से ज्यादा जितनी खरीद हो सकती है, उतनी की जाएगी। किसी को परेशान नहीं होने दिया जाएगा। छपार या तुगलकपुर में दूसरा केंद्र खुल जाए तो किसानों को आसानी हो जाएगी।

-अनिल मित्तल, एसएमआइ, पुरकाजी


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