विद्यालय नहीं खुलने पर छात्रों ने तोड़ा ताला
सरकारी विद्यालयों में शिक्षक अनुशासनहीनता की हदें पार कर रहे हैं। इसका नजारा शनिवार को रोहाना क्षेत्र के गांव बेगमपुर के प्राथमिक विद्यालयों में देखने को मिला। निर्धारित समय के आधा घंटा बाद भी शिक्षक विद्यालय नहीं पहुंचे जिस पर बच्चों ने मुख्य द्वार का ईंट से ताला तोड़कर विद्यालय में प्रवेश पाया। बीएसए ने विद्यालय पहुंचकर मामले का संज्ञान लेते हुए प्रभारी प्रधानाध्यापिका को नोटिस जारी किया है।
मुजफ्फरनगर, जेएनएन। सरकारी विद्यालयों में शिक्षक अनुशासनहीनता की हदें पार कर रहे हैं। इसका नजारा शनिवार को रोहाना क्षेत्र के बेगमपुर गांव के प्राथमिक विद्यालय में देखने को मिला। निर्धारित समय के आधा घंटा बाद भी शिक्षक विद्यालय नहीं पहुंचे, जिस पर बच्चों ने ईट से मुख्य द्वार का ताला तोड़कर विद्यालय में प्रवेश पाया। बीएसए ने मौके पर पहुंचकर मामले का संज्ञान लेते हुए प्रभारी प्रधानाध्यापक को नोटिस जारी किया है।
प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों का समय सुबह नौ से दोपहर तीन बजे तक है, लेकिन अभिभावकों की शिकायत रहती है कि निर्धारित समय पर न तो विद्यालय खुलते हैं और न ही बंद होते हैं। अधिकांश शिक्षक और शिक्षिकाएं दूसरे जिलों या फिर शहर से आते हैं, जिस कारण बच्चों को भारी परेशानी उठानी पड़ती है। शनिवार को बच्चे तैयार होकर सुबह नौ बजे प्राथमिक विद्यालय बेगमपुर पहुंचे, लेकिन मुख्य द्वार पर ताला लगा होने से बाहर खड़े होकर शिक्षकों का इंतजार करने लगे। कुछ अभिभावक भी वहां आ गए और शिक्षकों को फोन किया, लेकिन शिक्षकों ने फोन नहीं उठाया। सुबह करीब 10 बजे जब बच्चे परेशान हो गए तो उन्होंने ताला तोड़ दिया। इस पूरे प्रकरण का वीडियो वायरल होने से विभाग में खलबली मच गई। आनन-फानन में बीएसए विद्यालय पहुंचे और स्टाफ को तलब किया।
बीएसए राम सागर पति त्रिपाठी ने बताया कि वह स्वयं विद्यालय गए थे। शिक्षकों और छात्रों से बातचीत की गई। उन्होंने बताया कि प्रधानाध्यापक कुसुमलता विभागीय प्रशिक्षण कार्य के कारण मुख्यालय गई हुई हैं। चार्ज सहायक अध्यापक सोनिया के पास है। वह अचानक अवकाश पर चली गई और चाबी नहीं दी। यह घोर लापरवाही है। सहायक अध्यापक को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। संतोषजनक जवाब नहीं देने पर एक दिन का वेतन काटा जाएगा। सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि विद्यालय की चाबी कम से कम दो शिक्षकों के पास होनी चाहिए। हिदायत दी गई है कि भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए।
सहायक अध्यापक सोनिया का कहना है कि चार्ज उनके पास जरूर था, लेकिन चाबी उनके पास नहीं है। चाबी किसके पास है उन्हें नहीं पता। जरूरी कार्य के कारण अचानक अवकाश लेना पड़ा, जिसकी जानकारी प्रधानाध्यापक को सुबह ही दे दी थी।