कुर्बानी की सेल्फी और वीडियो न बनाएं
डीएम और एसएसपी ने ईद-उल-अजहा को लेकर मुस्लिम समाज के गणमान्य लोगों की बैठक ली।
मुजफ्फरनगर, जेएनएन। डीएम और एसएसपी ने ईद-उल-अजहा को लेकर मुस्लिम समाज के गणमान्य लोगों की बैठक ली। डीएम ने कहा सोशल मीडिया पर रोक नहीं लगाई जा सकती, लेकिन सावधानी बरती जा सकती है। देखने में आ रहा है कि छोटी-छोटी घटनाओं की सेल्फी और वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाल दी जाती है। उन्होंने कहा कि जानवरों की कुर्बानी के दौरान सेल्फी और वीडियो न बनाई जाए। इससे सोशल मीडिया पर प्रचारित होने की आशंका बढ़ जाएगी। शांतिपूर्ण माहौल में त्यौहार मनाया जाए। खुले में कुर्बानी नहीं होगी। साथ ही अवशेष का सुव्यवस्थित ढंग से निस्तारण किया जाए।
जिला पंचायत सभागार में बैठक के दौरान डीएम ने कहा कि बकरीद पर तीन दिन तक बिजली, पेयजल व सफाई की निर्बाध व्यवस्था रखी जाएगी। मुस्लिम और मिश्रित मोहल्लों व ईदगाह तथा धार्मिक स्थलों के निकट सफाई व्यवस्था के विशेष प्रबंध किए जाएंगे। प्रतिबंधित पशुओं की कुर्बानी न की जाए। उन्होंने कहा कि खुले स्थान पर जानवरों का कटान कतई न किया जाए। कोई भी नई परंपरा न डाली जाए। अवशेषों को ढककर निस्तारण स्थल तक ले जाया जाए। कुर्बानी की फोटो या वीडियो सोशल मीडिया में शेयर कतई न किया जाए। डीएम ने कहा कि कानून व्यवस्था के मामले में कोई समझौता नहीं किया जाएगा। एसडीएम, सीओ, थानाध्यक्ष अपने क्षेत्र में भ्रमण करें और गणमान्य लोगों के साथ बैठक करें।
एसएसपी अभिषेक यादव ने कहा कि ईद पर्व पर चप्पे-चप्पे पर पैनी नजर रखी जाएगी। नागरिकों से कहा कि अपने गांव व मोहल्लों में छोटी से छोटी से घटना की जानकारी पुलिस प्रशासन को दी जाए। अराजक तत्वों पर कड़ी नजर रहेगी। उन्होंने कहा कि बुजुर्ग युवाओं को गलत राह पर जाने से रोकें। बच्चों की शिक्षा पर ध्यान देने की जरूरत है। युवा अवस्था में एक गलत कदम परिवार की बर्बादी का कारण बन सकता है। इस दौरान एडीएम ई अमित सिंह, सिटी मजिस्ट्रेट अतुल कुमार, सीओ सिटी हरीश भदौरिया समेत गणमान्य नागरिक मौजूद रहे। 12 अगस्त हिन्दू और मुस्लिमों के लिए अहम
डीएम ने कहा कि 12 अगस्त को ईद-उल-अजहा का पर्व है। इसी दिन सावन का अंतिम सोमवार है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिरों में पूजा-अर्चना के लिए जाते हैं। जिसके चलते मुस्लिम वर्ग कुर्बानी को लेकर विशेष सतर्कता बरते। किसी भी धर्म के लोगों की भावनाएं आहत नहीं होनी चाहिए। हिन्दू और मुस्लिम एक दूसरे को सम्मान करते हुए त्योहार मनाएं।
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