दो गुनी आय का सपना देख रहे किसानों को झटका
समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष प्रमोद त्यागी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने जो गन्ना मूल्य घोषित किया है वह किसानों के साथ धोखा है। प्रदेश में खाद बिजली काफी महंगी है। आम आदमी से लेकर किसान पहले ही इस कमरतोड़ महंगाई से जूझ रहा है। जिस हिसाब से प्रदेश में खाद बिजली महंगी है उसके अनुसार ही किसानों को गन्ने का वाजिब दाम दिया जाना चाहिए। समाजवादी पार्टी घोषित गन्ना मूल्य का विरोध करती है। प्रदेश सरकार किसानों और उसकी मेहनत का मजाक बना रही है। सपा मांग करती है गन्ना मूल्य कम से कम 450 प्रति कुंतल घोषित किया जाए।
मुजफ्फरनगर, जेएनएन। गन्ने के परामर्श मूल्य में एक पाई की वृद्धि नहीं होने से किसानों समेत गैरभाजपाइयों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने तर्क देते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करके अच्छे दिन लाने का वादा किया था, क्या इसी तरह अच्छे दिन आएंगे? सरकार को इस पर पुन: विचार करना चाहिए। गन्न मूल्य न बढ़ना किसानों के साथ अन्याय है।
पूर्व मंत्री और रालोद के प्रदेश महासचिव योगराज सिंह का कहना है कि भाजपा सरकर ने किसानों को एक बार फिर छला है। बीते वर्ष की तरह इस बार भी गन्ने के मूल्य में बढ़ोत्तरी नहीं की। अपने घोषणा पत्र में भाजपा ने अच्छे दिन लाने और किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था। वर्तमान में किसान आर्थिक तंगी से जूझ रहा है। इस बार गन्ना मूल्य में वृद्धि की उम्मीद लगाए बैठे किसानों को फिर से निराश किया गया। चीनी मिल लॉबी के दबाव में गन्ने के दाम नहीं बढ़ाए गए हैं। पूर्ववर्ती सरकारों ने 40 रूपये प्रति कुंतल तक बढ़ोत्तरी की थी।
समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष प्रमोद त्यागी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने जो गन्ना मूल्य घोषित किया है, वह किसानों के साथ धोखा है। प्रदेश में खाद, बिजली काफी महंगी हैं। आम आदमी से लेकर किसान पहले ही इस कमरतोड़ महंगाई से जूझ रहा है। जिस हिसाब से प्रदेश में खाद, बिजली महंगी है, उसके अनुसार ही किसानों को गन्ने का वाजिब दाम दिया जाना चाहिए। समाजवादी पार्टी घोषित गन्ना मूल्य का विरोध करती है। प्रदेश सरकार किसानों और उसकी मेहनत का मजाक बना रही है। गन्ना मूल्य कम से कम 450 प्रति कुंतल घोषित किया जाना चाहिए था।
कांग्रेस जिलाध्यक्ष हरेंद्र त्यागी का कहना है कि भाजपा वैसे तो किसानों की हमदर्द होने का दावा करती है, लेकिन धरातल पर इसके विपरित है। भाजपा राज में किसान सर्वाधिक परेशानी में है। आमदनी दोगुनी होने के बजाए खर्चें दोगुने हो गए हैं। किसानों को ढेरों परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, जिसके चलते युवाओं का खेती से मोहभंग हो रहा है। गन्ना मूल्य 400 के पार होना चाहिए था।
किसान संगठन पीजेंट वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक बालियान का कहना है कि संगठन घोषित गन्ना मूल्य का विरोध करता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग करते हैं कि इस पर पुन: विचार किया जाए। लगातार तीन सालों से गन्ना मूल्य न बढ़ाना किसानों को उसके अधिकार से वंचित रखने के समान है। खेती पर लागत पहले से कई गुना बढ़ गई है। इसी हिसाब से गन्ना मूल्य भी बढ़ाया जाना चाहिए।