कोरोना से बेफिक्र दिखे आस्थावान
कोरोना संक्रमण के चलते प्रशासन ने भले ही तीर्थनगरी शुकतीर्थ में प्रसिद्ध कार्तिक गंगा स्नान मेला नहीं लगने दिया लेकिन इसके बावजूद दूरदराज क्षेत्रों से आए हजारों श्रद्धालुओं ने नगरी में पहुंचकर कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान कर पुण्य लाभ कमाया। मोबाइल से चिपके अनेक युवाओं ने भी गंगा स्नान के बाद गंगा में नौका विहार का भी आनंद उठाया।
जेएनएन, मुजफ्फरनगर। कोरोना संक्रमण के चलते प्रशासन ने भले ही तीर्थनगरी शुकतीर्थ में प्रसिद्ध कार्तिक गंगा स्नान मेला नहीं लगने दिया, लेकिन इसके बावजूद दूरदराज क्षेत्रों से आए हजारों श्रद्धालुओं ने नगरी में पहुंचकर कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान कर पुण्य लाभ कमाया। मोबाइल से चिपके अनेक युवाओं ने भी गंगा स्नान के बाद गंगा में नौका विहार का भी आनंद उठाया।
पौराणिक तीर्थनगरी शुकतीर्थ में प्रत्येक वर्ष पांच दिवसीय कार्तिक पूर्णिमा गंगा स्नान मेला लगता है, जिसमें मुजफ्फरनगर, शामली के अलावा दूरदराज क्षेत्रों से लाखों की संख्या में श्रद्धालु भैंसा-बुग्गी, ट्रैक्टर-ट्रालियों व बस-कार आदि से पहुंचते हैं और नगरी में तंबू लगाकर प्रवास कर धर्म लाभ उठाते हैं। कोरोना संक्रमण के चलते इस वर्ष जिला पंचायत ने कार्तिक गंगा स्नान मेला नहीं लगने दिया। इसके बाद जिला प्रशासन ने भैंसा-बुग्गी व ट्रैक्टर-ट्रालियों में सवार होकर आने श्रद्धालुओं के नगरी में प्रवेश करने पर पाबंदी लगा दी और नगरी में जाने वाले रास्तों पर 17 बैरियर लगाकर पुलिस बल तैनात कर दिया। इसके बाद भी मुजफ्फनगर, शामली, मेरठ, दिल्ली, गाजियाबाद, बागपत, सहारनपुर, हरियाणा के सोनीपत व पानीपत आदि जगहों से हजारों श्रद्धालुओं ने बस-कार, बाइक आदि वाहनों से तीर्थनगरी में पहुंचकर कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान कर पुण्य कमाया। कोरोना संक्रमण पर श्रद्धालुओं की आस्था भारी पड़ी। वही, जींस पहने मोबाइल से चिपके युवाओं ने भी 'हर-हर गंगे' व 'जय गंगे मइया' के जयघोष के साथ गंगा स्नान किया और इसके बाद गंगा में नौका विहार का भी आनंद उठाया। युवक-युवती गंगाजी के साथ नगरी के विभिन्न मंदिर के साथ सेल्फी लेते भी नजर आए।