राशन डीलर और सब्जी मंडी की भीड़ का नहीं टूटा तिलिस्म
कोविड-19 महामारी के आगे तमाम व्यवस्थाएं बेबस है लेकिन भीड़ जुटने का क्रम नहीं थम रहा है। लॉकडाउन पार्ट-2 लागू होने के बाद संक्रमितों का आंकड़ा बढ़ा है हालांकि आठ रोगी ठीक भी हुए हैं। पुलिस प्रशासन राशन डीलर्स और सब्जी मंडी में जुटने वाली भीड़ का तिलिस्म नहीं टूट सका है। व्यवस्था बिगड़ती देख जिला परिषद मार्केट के खोलने-बंद के समय में परिवर्तन किया गया।
मुजफ्फरनगर, जेएनएन। कोविड-19 महामारी के आगे तमाम व्यवस्थाएं बेबस है, लेकिन भीड़ जुटने का क्रम नहीं थम रहा है। लॉकडाउन पार्ट-2 लागू होने के बाद संक्रमितों का आंकड़ा बढ़ा है, हालांकि आठ रोगी ठीक भी हुए हैं। पुलिस, प्रशासन राशन डीलर्स और सब्जी मंडी में जुटने वाली भीड़ का तिलिस्म नहीं टूट सका है। व्यवस्था बिगड़ती देख जिला परिषद मार्केट के खोलने-बंद के समय में परिवर्तन किया गया। हालात सुधरने के बजाए यहां विपरीत हो गए। जिस कारण जिला रेड जोन में शामिल हो गया।
केंद्र सरकार ने 14 अप्रैल से लॉकडाउन पार्ट-2 का आगाज किया, जो तीन मई तक रहेगा। हालांकि चार मई से लॉकडाउन फिर से बढ़ाकर 17 मई हो गया है। लॉकडाउन पार्ट-2 में शहर से लेकर देहात में स्थितियां उलट रही है। खतौली, पुरकाजी, जानसठ के कवाल, मीरापुर गांव आदि में कोरोना संक्रमित सामने आए हैं। ताज्जुब है कि सुबह छह से नौ बजे तक छूृट दी जा रही है, लेकिन सब्जी मंडी, राशन डीलर आदि दुकानों, स्थानों पर भीड़ का तिलिस्म नहीं टूट रहा है। यहां भीड़ इस कद्र रहती, जिससे शारीरिक दूरी का ख्याल दूर तक नहीं होता है। इसके अलावा जिला परिषद मार्केट में दवा विक्रेताओं, मेडिकल स्टोर संचालकों जुटते हैं। यहां भी हालात भीड़ के आगे बेबस थे। जिसके चलते प्रशासन ने मार्केट खुलने-बंद होने का समय बदल दिया है।
जरूरतमंदों का पेट भर रहीं सामुदायिक रसोइया
लॉकडाउन में लोगों के सामने कई तरह की दिक्कतें खड़ी हो गई है। प्रशासन ने जरूरतमंद लोगों तक खाना पहुंचाने की मुहिम चला रखी है। सिखेड़ा, बुढ़ाना नगर पंचायत, पुरकाजी नगर पंचायत, खतौली में कृष्णा मंदिर, शुकदेव आश्रम, हनुमतधाम आदि में सामूदायिक रसोई चल रही है। यहां से रोजाना सैकड़ों जरूरतमंदों को खाना दिया जा रहा है।
डटकर ड्यूटी पर लगे कर्मयोद्धा
शहर से लेकर देहात में कर्मयोद्धाओं की बदौलत ही सुविधाओं, व्यवस्थाओं को दुरूस्त किया जा रहा है। सील क्षेत्रों में ड्यूटी कर रहे प्रशासनिक अमले के आगे कार्य करने की चुनौती है। स्वास्थ्य विभाग भी लगातार संदिग्ध लोगों के सैंपल लेकर भेजा जा रहा है।