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रामलीला की जमीन को लेकर कमेटी व विधायक आमने-सामने

कवाल गांव में रामलीला की जमीन को लेकर रामलीला कमेटी और खतौली विधायक आमने-सामने आ गए हैं। दोनों एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। एसडीएम ने मामले को दशहरे के बाद देखने को कहा है। वहीं जमीन खाली न होने के चलते रामलीला कमेटी ने रावण दहन न करने का फैसला लिया है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 24 Oct 2020 09:55 PM (IST)Updated: Sun, 25 Oct 2020 05:02 AM (IST)
रामलीला की जमीन को लेकर कमेटी व विधायक आमने-सामने
रामलीला की जमीन को लेकर कमेटी व विधायक आमने-सामने

मुजफ्फरनगर, जेएनएन। कवाल गांव में रामलीला की जमीन को लेकर रामलीला कमेटी और खतौली विधायक आमने-सामने आ गए हैं। दोनों एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। एसडीएम ने मामले को दशहरे के बाद देखने को कहा है। वहीं जमीन खाली न होने के चलते रामलीला कमेटी ने रावण दहन न करने का फैसला लिया है।

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कवाल गांव में वर्षो से रामलीला होती आ रही है। दशहरे का मेला लगाने व रावण दहन के लिए रामलीला कमेटी के नाम दस बीघा जमीन भी है। इसे तीन साल के लिए ठेके पर इस शर्त के साथ दिया जाता है कि दशहरे पर दो दिवसीय मेले के लिए जमीन खाली करनी होगी।

रामलीला कमेटी के अध्यक्ष नरेश सैनी ने बताया कि इस बार ठेकेदार महेंद्र सैनी ने दशहरे के लिए जमीन को खाली नहीं किया तो विवाद गहरा गया। शनिवार को रामलीला कमेटी के लोग व कुछ ग्रामीण एसडीएम अमृतपाल कौर से मिले और जमीन खाली कराने को कहा। सूचना मिलने पर खतौली विधायक विक्रम सैनी भी तहसील में पहुंच गए। दोनों पक्षों में एसडीएम के सामने ही नोकझोंक हो गई। एसडीएम ने जांच करने की बात कहकर दोनों पक्षों को भेज दिया। रामलीला कमेटी के अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि विधायक सत्ता की हनक में नाजायज काम कर रहे हैं और अधिकारी उनके दबाव में हैं। एसडीएम ने बताया कि दोनों पक्षों के कागज मंगाए गए हैं। दशहरे के बाद जांच कर कार्रवाई की जाएगी।

वहीं खतौली विधायक विक्रम सैनी ने बताया कि गांव के कुछ लोग फर्जी कमेटी बनाकर रामलीला की जमीन हड़पने की फिराक में हैं। रजिस्टर्ड कमेटी अलग है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि रामलीला की जमीन को किसी ने हड़पने की कोशिश की तो उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। नहीं होगा इस बार रावण का दहन

कमेटी के अध्यक्ष नरेश सैनी ने बताया कि जब जमीन ही खाली नहीं की गई तो वह रावण दहन कैसे करें। प्रशासनिक अधिकारी विधायक के दबाव में काम कर रहे हैं और अनुमति होने के बाद भी जमीन को खाली नहीं करा रहे हैं।


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