यूपीएसएसएससी परीक्षा बनी मजाक, मूल की जगह भेजीं कॉर्बन कॉपियां
उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूपीएसएसएससी) की परीक्षा दे चुके परीक्षाथि
मुजफ्फरनगर, जेएनएन। उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूपीएसएसएससी) की परीक्षा दे चुके परीक्षार्थियों का भविष्य जिम्मेदार अफसरों ने दांव पर लगा दिया। अधिकारियों की चूक के कारण परीक्षा की मूल ओएमआर शीट यहीं रह गईं और इनकी जगह कार्बन कापी भेज दी गईं। चेकिग के दौरान कॉपियां स्कैन नहीं हुई तो यह चूक उजागर हुई। मामले को दबाने के लिए लखनऊ से पहुंचे आयोग के कर्मचारियों को मूल कॉपियां सौंप दी गईं।
प्रदेश में यूपीएसएसएससी की जूनियर असिस्टेंट और कंप्यूटर ऑपरेटर की परीक्षा 24 और 26 दिसंबर को तय थी। सीएए (नागरिकता संशोधन कानून) के विरोध को लेकर हुई हिसा के कारण परीक्षा स्थगित कर चार जनवरी को कराई गई थी। मुजफ्फरनगर में डीएवी इंटर कॉलेज, नवाब अजमत अली खां गर्ल्स इंटर कॉलेज और एसडी गर्ल्स इंटर कॉलेज परीक्षा केंद्रों पर भी 71 परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी।
ऐसे हुआ पर्दाफाश
परीक्षा के बाद सभी 71 परीक्षार्थियों की मूल ओएमआर शीट (उत्तर पुस्तिका) का बंडल यहीं छोड़ दिया गया। इसके स्थान पर कॉर्बन कॉपी आयोग में भेज दी गईं। जबकि मूल कापी आयोग में भेजनी थीं और कार्बन कापी यहां रखी जानी थीं। आयोग में बंडल जांच के लिए खुला तो कॉर्बन कॉपी स्कैन नहीं हो सकीं। इसके बाद लखनऊ से मुजफ्फरनगर तक लापरवाही का कारनामा उजागर हुआ।
कर दी लीपापोती
मामले में लीपापोती करते हुए गुरुवार को डीएम के आदेश पर एसडीएम अजय कुमार अंबष्ट और जीआइसी के प्रधानाचार्य ब्रिजेश कुमार ने गुपचुप तरीके से ट्रेजरी में रखी परीक्षा की मूल ओएमआर शीट निकलवाईं। इसके बाद ये ओएमआर शीट आयोग से यहां पहुंचे कर्मचारियों के सुपुर्द कर दीं। कापियों के साथ दिए पत्र में परीक्षार्थियों के विवरण का भी उल्लेख किया।
जिम्मेदारी लेने से बच रहे अफसर
ट्रेजरी से मूल कापियां निकलवाकर आयोग के कर्मचारियों को सौंपने वाले एसडीएम अजय कुमार अंबष्ट का कहना है कि मूल कॉपियों की जगह कार्बन कॉपी आयोग में चली गई थी। गुरुवार को डीएम के आदेश पर मूल कापियां ट्रेजरी से निकलवाकर आयोग में भिजवाई गई हैं। डीएम सेल्वा कुमारी जे. ने कहा कि इस संबंध में डीआइओएस ही आधिकारिक बयान देंगे, क्योंकि मामला उन्हीं से जुड़ा है। उधर, डीआइओएस गजेंद्र कुमार ने आयोग का मामला होने के कारण कुछ भी बोलने से इन्कार कर दिया।