पुलिस बल लगाकर आधी रात को आगरा भेजी तोप
खेत से निकली तोप को पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों ने आधी रात को भारी पुलिस बल लगाकर परीक्षण के लिए आगरा भेज दिया। तोप की रखवाली कर रहे भाकियू कार्यकर्ताओं के मोबाइल फोन भी पुलिस ने जब्त कर लिए और उन्हें वहां से हटा दिया। इससे भाकियू में आक्रोश है। भाकियू अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि भाजपा के इशारे पर प्रशासन ने तानाशाही दिखाई है।
मुजफ्फरनगर, जेएनएन। खेत से निकली तोप को पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों ने आधी रात को भारी पुलिस बल लगाकर परीक्षण के लिए आगरा भेज दिया। तोप की रखवाली कर रहे भाकियू कार्यकर्ताओं के मोबाइल फोन भी पुलिस ने जब्त कर लिए और उन्हें वहां से हटा दिया। इससे भाकियू में आक्रोश है। भाकियू अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि भाजपा के इशारे पर प्रशासन ने तानाशाही दिखाई है।
तीन दिन पूर्व गांव हरिनगर के खेत से निकली तोप पर कब्जे को लेकर भाकियू और प्रशासन के बीच तलवारें खिच गई थीं। भाकियू तोप को सूली वाला बाग में रखने पर अड़ी थी, जबकि प्रशासन इसे परीक्षण के लिए भेजना चाहता था। सूली वाला बाग में दोनों ओर से तोप की पहरेदारी की जा रही थी। पुरातत्व विभाग की टीम ने परीक्षण के लिए तोप को आगरा लैब में भेजने की बात कही थी, जिसे भाकियू ने नकार दिया था। भाकियू ने बाग में टेंट लगाते हुए भट्ठी चढ़ा दी थी। बुधवार आधी रात एडीएम प्रशासन अमित कुमार, सीओ सदर कुलदीप सिंह व अन्य अफसर चरथावल, छपार, रामराज, भोपा सहित 12 थानों की फोर्स के साथ सूली वाला बाग पर पहुंचे। फोर्स ने जाते ही धरने पर बैठे कार्यकर्ताओं को मौके से हटाते हुए सभी के फोन जब्त कर लिए। वहां लगे टेंट को हटाने के बाद बड़ी क्रेन मंगवाई गई। क्रेन से तोप को ट्रक में लदवाकर आगरा के लिए रवाना कर दिया। इस दौरान पुलिस ने पुराने हाईवे पर बाग से कुछ दूरी पर आगे-पीछे पुलिस की गाड़ियां खड़ी कर वाहनों की आवाजाही भी रोक दी। गुरुवार दिन में भी यहां पुलिस तैनात रखी।
गायब मिले बड़े नेता
बुधवार रात बाग पर भाकियू के हरिद्वार जिलाध्यक्ष विजय शास्त्री को धरने की जिम्मेदारी दी गई थी। उनके साथ कुछ और नेताओं को भी धरने पर बैठना था। प्रशासनिक अमले की दबिश के दौरान वहां पुलिस को सिर्फ 10-12 कार्यकर्ता ही मिले। शहीद स्थल मानते हैं लोग
पुरकाजी कस्बे में सूली वाला बाग है। कस्बे के लोग मानते हैं कि इस बाग मे 1857 की क्रांति के दौरान 400 से ज्यादा स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को अंग्रेजों ने फांसी पर लटका दिया था। मुजफ्फरनगर के इतिहास पर लिखी गई कुछ पुस्तकों में भी इसका उल्लेख मिलता है। इनका मानना है कि जो तोप मिली है वह क्रांतिकारियों ने अंग्रेजों से छीनी थी। लोगों की भावनाओं को देखते हुए भाकियू इस तोप को शहीदों के सम्मान में सूली वाला बाग में स्थापित करने पर अड़ी थी। तोप को परीक्षण के लिए आगरा भिजवा दिया गया है। सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस टीम साथ गई है। परीक्षण के बाद ही पता चल पाएगा कि तोप किस समय की है? जनपद में तोप का परीक्षण कराना संभव नहीं था।
- सेल्वा कुमारी जे, डीएम
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रात में चोरों की भांति तोप उठाना गलत है। ऐसे अफसरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज होना चाहिए। यह सब भाजपा के इशारे पर हुआ है। सरकार से विश्वास उठ गया है। हम शहीदों के सम्मान के लिए तोप को सूली वाला बाग में रखना चाहते थे, लेकिन प्रशासन ने तानाशाही दिखाई है। जल्द ही इस बारे में निर्णय किया जाएगा।
- चौ. नरेश टिकैत, अध्यक्ष, भाकियू