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11 को जाम..जलेगी गन्ने की होली और होगा कड़ा विरोध

गन्ना मूल्य में लगातार तीसरे साल एक भी रूपये की वृद्धि नहीं होने पर किसानों में आक्रोश है। किसान संगठनों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए भाजपा को किसान विरोधी बताया है। रालोद ने कूकड़ा चौराहे पर गन्ने की होली जलाई। भाकियू ने आगामी 11 दिसंबर को प्रदेश में जाम लगाकर गन्ने की होली जलाने की घोषणा की है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 08 Dec 2019 07:52 PM (IST)Updated: Sun, 08 Dec 2019 07:52 PM (IST)
11 को जाम..जलेगी गन्ने की होली और होगा कड़ा विरोध
11 को जाम..जलेगी गन्ने की होली और होगा कड़ा विरोध

मुजफ्फरनगर, जेएनएन। इस साल गन्ना मूल्य को लेकर किसान अच्छी-खासी बढ़ोतरी की उम्मीद लगाए थे, लेकिन लगातार तीसरे साल कोई वृद्धि नहीं होने पर आक्रोशित अन्नदाता खुद अपने अरमानों को आग के हवाले करने पर आमादा हैं। रविवार को आक्रोशित किसानों ने विभिन्न संगठनों के बैनर तले नारेबाजी करते हुए सरकार को किसान विरोधी बताया है। रालोद ने कूकड़ा चौराहे पर गन्ने की होली जलाई। भाकियू ने आगामी 11 दिसंबर को प्रदेश में जाम लगाकर गन्ने की होली जलाने की घोषणा की है।

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रालोद कार्यकर्ताओं ने आक्रोश जताते हुए सदर ब्लॉक कार्यालय के समीप कूकड़ा चौराहे पर गन्ने की होली जलाई। उन्होंने भाजपा सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। जिलाध्यक्ष अजित राठी ने कहा कि सरकार का ध्यान किसानों की आय बढ़ाने पर नहीं बल्कि, पत्ती कहां-कहां फुंक रही हैं, इस पर ज्यादा है। पर्याप्त पर्चियों किसानों को नहीं मिल रही हैं। पूर्व चेयरमैन कृष्णपाल राठी ने कहा कि पराई सत्र शुरू होने के डेढ़ महीने बाद रेट घोषित करना और उसमें भी कोई बढ़ोतरी न करना सरकार की पूंजीवादी मानसिकता को दर्शाता है। अनुज बालियान ने कहा कि किसानों ने फिर से किसानों को छला है। इस दौरान सुधीर भारतीय, हर्ष राठी, इलम सिंह, अक्षय काकरान, बिजेंद्र सिंह आदि मौजूद रहे।

भाकियू प्रवक्ता चौ. राकेश टिकैत ने घोषित गन्ना मूल्य पर नाराजगी जताते हुए कहा कि सरकार किसानों को आत्महत्या के रास्ते पर ले जा रही है। शाहजहांपुर शुगर केन इंस्टीट्यूट के आधार पर गन्ने पर लागत 300 रुपये प्रति कुंतल है। आगामी 11 दिसंबर को भाकियू प्रदेशभर में जाम लगाएगी।

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गन्ना मूल्य नहीं बढ़ाना दुर्भाग्यपूर्ण

पूर्व विधायक वारिस राव का कहना है कि भाजपा सरकार पूंजीपतियों से साठगांठ कर अपना स्वार्थ पूरा कर रही है। तीन साल से गन्ने के मूल्य में एक भी पाई की वृद्धि नहीं की है। इससे साफ है कि भाजपा सरकार किसान विरोधी है।

आंदोलन जनकल्याण संस्था के संयोजक प्रमोद कुमार का कहना है कि गन्ना मूल्य में बढ़ोत्तरी न करना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। 30 सालों में किसान की तुलना में अन्य वर्ग की आमदनी में अभूतपूर्व इजाफा हुआ है। चीनी उद्योग के संकट के लिए किसान नहीं सरकार जिम्मेदार है।

भाकियू के जिलाध्यक्ष धीरज लटियाल का कहना है कि जब-जब भाजपा सरकार सत्ता में आई, तब-तब गन्ना किसान को निराशा हाथ लगी। सरकार को गन्ना मूल्य पर पुन: विचार करना चाहिए। खाद, बीज पेस्टीसाइड समेत बिजली महंगी हो गई है।

भारतीय किसान संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर पूरण सिंह का कहना है कि लगातार तीन साल से गन्ने के दाम में एक भी रुपया नहीं बढ़ाया गया। बार-बार किसानों के साथ छल का संगठन विरोध करता है। जल्द ही जिला मुख्यालय पर आंदोलन होगा।


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