पुरानी ईट कम दाम में बेचकर कर कालेज प्रबंधन को लाखों का चूना
जानसठ में कालेज के चबूतरे से निकली करीब 15 हजार ईट कम दाम में बेचकर कालेज प्रबंधन को लाखों का चूना लगाया गया है। हालांकि मामले का राजफाश होते ही संबंधित लोग लीपापोती में लग गए हैं।
मुजफ्फरनगर, टीम जागरण। जानसठ में कालेज के चबूतरे से निकली करीब 15 हजार ईट कम दाम में बेचकर कालेज प्रबंधन को लाखों का चूना लगाया गया है। हालांकि मामले का राजफाश होते ही संबंधित लोग लीपापोती में लग गए हैं।
कस्बे के डीएवी इंटर कालेज में पुराने बने चबूतरे को उखाड़ कर वहां पर फर्श बनाये जाने का प्रस्ताव किया गया है। चबूतरे पर करीब 15 हजार ईट लगी हुई थीं। ईट पुरानी होने के कारण बहुत ही मजबूत स्थिति में हैं, जिसके चलते कई लोगों ने उन ईट को खरीदने के लिए इच्छा जाहिर की थी, लेकिन गुरुवार को पता चला कि वह ईट 28 सौ रुपये प्रति हजार के हिसाब से बेच दी गयी हैं। इसका पता लोगों को चला तो उन्होंने विरोध किया। उनका कहना है कि इन ईट को लोग 35 सौ रुपये प्रति हजार में भी खरीद सकते हैं, लेकिन स्कूल प्रबंधन कम दामों में ईट बेचकर लाखों रुपये का नुकसान कर रहा है। प्रधानाचार्य समुद्र सैन ने बताया कि मैनेजर कुलदीप सिंह ने यह ईट मुजफ्फरनगर के एक ठेकेदार को बेच दी है, लेकिन यदि कोई अधिक में लेना चाहता है तो मैनेजर से बात की जाएगी। फिलहाल ईट अभी तक कालेज में ही रखी है। कालेज के मैनेजर से बात नहीं हो सकी।
गंगनहर की टूटी दीवार का निर्माण कराया
मुजफ्फरनगर, टीम जागरण। खतौली में मुख्य मार्ग पर गंगनहर पुल पर बनी दीवार पिछले दिनों भरभराकर गिर गई थी। इसके चलते यहां वाहनों की रफ्तार थम गई। कोहरा और धुंध में हादसा होने का अंदेशा था। मामले की जानकारी प्रशासन को दी गई। गुरुवार को यहां प्रशासन ने श्रमिक लगाकर दीवार कराई है। इस दौरान पुल पर यातायात रोक-रोककर निकाला गया।
कस्बे के मुख्य मार्ग जीटी रोड के अलावा चौधरी चरण सिंह कांवड़ गंगनहर पटरी मार्ग पर यातयात का आवागमन अधिक रहता है। ब्रिटिशकालीन पुल को बंद कर लगभग छह वर्ष पूर्व नया पुल तैयार किया गया। इसी से छोटे-बड़े और भारी वाहनों का आवागमन है। पिछले दिनों बारिश में गंगनहर पुल पर बनी दीवार भरभराकर गिर गई। इसको लेकर आसपास की कालोनी के लोगों ने प्रशासन से शिकायत दी थी, जिसमें गंनगहर पुल पर हादसे होने की आशंका जताई थी। इसके चलते गुरुवार को प्रशासन ने पुल पर दीवार का निर्माण कार्य कराया है। वहीं, गंननहर के निकट रिफ्लेक्टर, सोडियम लाइट आदि लगवाए जाने की मांग की है। चूंकि पुराने पुल को जाल लगाकर बंद कर दिया गया है। गंगनहर घाट पर आरती होती है। ऐसे में नए पुल पर अंधेरा रहता है।