फैक्ट्रियों पर चला बुलडोजर, मुक्त कराई रजवाहे की जमीन
सिचाई विभाग की टीम ने बुलडोजर चलवाकर मेरठ रोड स्थित नरा रजवाहे की जमीन पर खड़ी फैक्ट्रियों को ध्वस्त किया। व्यापारियों ने कार्यवाही का विरोध करते हुए हंगामा किया। आरोप लगाया कि विभाग ने बिना नोटिस दिए ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की है। एक्सईएन ने बताया कि रजवाहे की 13.65 बीघा जमीन पर अतिक्रमण कर रखा है।
जेएनएन, मुजफ्फरनगर। सिचाई विभाग की टीम ने बुलडोजर चलवाकर मेरठ रोड स्थित नरा रजवाहे की जमीन पर खड़ी फैक्ट्रियों को ध्वस्त किया। व्यापारियों ने कार्यवाही का विरोध करते हुए हंगामा किया। आरोप लगाया कि विभाग ने बिना नोटिस दिए ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की है। एक्सईएन ने बताया कि रजवाहे की 13.65 बीघा जमीन पर अतिक्रमण कर रखा है।
सिचाई विभाग के अधिकारी पुलिस बल के साथ जेसीबी मशीने लेकर सोमवार को हाईवे पर पहुंचे। फैक्ट्रियों के पीछे संधावली गांव के जंगल में सालों से बंद रजवाहे की जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराना शुरू किया। गुप्ता ट्रांसफार्मर, एमआर रिफाइनरी व सरल क्रापसाइंस सहित कई फैक्ट्रियों की दीवार को तोड़ दिया गया। सिचाई विभाग की कार्रवाई का इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के चेयरमैन विपुल भटनागर, औद्योगिक समिति के चैयरमैन नीलकमल पुरी, उद्यमी संजय गुप्ता, राकेश जैन पवन कुमार व नवीन जैन ने विरोध किया। उन्होंने कहा कि बगैर नोटिस दिए फैक्ट्री को तोड़ना गलत है। कहा कि मामला कोर्ट में चल रहा है। सिचाई विभाग के अधिकारियों और पुलिस से बहस भी हुई। पांच फैक्ट्रियों पर बुलडोजर चला। बाद में अन्य व्यापारियों को 10 दिन का समय दिया। कहा गया यदि रजवाहे की जमीन को कब्जामुक्त नहीं किया गया तो ध्वस्तीकरण होगा। साथ ही निर्धारित समय के बाद ध्वस्तीकरण शुल्क भी वसूला जाएगा।
घनघना उठे अफसरों के फोन
फैक्ट्रियों पर सिचाई विभाग की कार्रवाई से उद्यमियों में अफरातफरी रही। विभागीय अधिकारियों के फोन घनघना उठे। कार्रवाई नहीं करने की सिफारिश भी की गई। कार्रवाई के दौरान अधिकारियों ने कई सिफारिशी फोन नहीं उठाए। इनका कहना है..
नरा माइनर की 0.91 हेक्टेअर जमीन पर उद्यमियों ने अवैध कब्जा कर रखा है। कई बार उन्हें नोटिस जारी किया जा चुका है। यदि अन्य कब्जाधारियों ने निर्माण कार्य नहीं हटाया तो फिर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई होगी। सरकारी जमीन कब्जामुक्त कराना शासन की प्राथमिकता में है।
- हरि शर्मा, एक्सईएन सिचाई विभाग
सिचाई विभाग के अधिकारियों ने उद्यमियों से बदसलूकी है। उक्त जमीन का प्रकरण कोर्ट में चल रहा है। ऐसे में ध्वस्तीकरण की कार्रवाई अनुचित है।
- विपुल भटनागर, चेयरमैन आइआइए