कोरोना में पटरी से उतरे व्यापार को संभालने वाला हो बजट
कोरोनाकाल में पेश होने वाले आम बजट 2021 पर आम और खास सभी वर्ग के लोगों की निगाह लग गई है। इस बार केंद्र सरकार के बजट को लेकर चर्चा का दौर अधिक गर्म है। उद्यमी और व्यापारियों को केंद्र सरकार से लाकडाउन के दौरान पटरी से उतरे व्यापार को संभालने वाले बजट की उम्मीद है। सभी वर्ग टैक्स में छूट की बड़ी उम्मीद संजोए बैठे हैं।
जेएनएन, मुजफ्फरनगर। कोरोनाकाल में पेश होने वाले आम बजट 2021 पर आम और खास सभी वर्ग के लोगों की निगाह लग गई है। इस बार केंद्र सरकार के बजट को लेकर चर्चा का दौर अधिक गर्म है। उद्यमी और व्यापारियों को केंद्र सरकार से लाकडाउन के दौरान पटरी से उतरे व्यापार को संभालने वाले बजट की उम्मीद है। सभी वर्ग टैक्स में छूट की बड़ी उम्मीद संजोए बैठे हैं।
मार्च 2020 में लाकडाउन लगने के बाद कई महीनों तक बंद रहे बाजार और उद्योगों को लेकर कोरोबारी पहले ही चितित हैं। लाकडाउन के बाद कोरोना काल में फरवरी में पेश होने वाले 2021 के आम बजट से लोगों को राहत की उम्मीद अधिक है। बाजारों में बैठे व्यापारियों को टैक्स में छूट के साथ पटरी से उतरे व्यापार को वापस उठाने वाले बजट की उम्मीद है। केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण से फरवरी में पेश होने वाले बजट को लेकर कारोबारी कपड़ों सहित बर्तन, ज्वैलरी व लोहा आदि व्यापार को सरल करने की भी उम्मीद कर रहे हैं। वहीं लाकडाउन में हुए नुकसान की भरपाई करने वाला बजट पेश होने की आस है। उधर, लोहा, पेपर, स्टील आदि कोराबार करने वाले उद्यमी भी कच्चा माल महंगा मिलने से परेशान हुए बैठे हैं। इस बजट में उनकी उम्मीद है कि सरकार महंगा मिलने वाले कच्चे माल का तोड़ निकालकर पेपर मिलों को उठाने के लिए प्राकृतिक सामग्री जैसे खोई व भूसा आदि के उपयोग को हरी झंडी दें, ताकि भारत में प्राकृतिक सामग्रियों की मदद से सस्ते में पेपर तैयार कर बाजार को उठाया जा सके। लोहे का कारोबार भी इसी प्रकार सरल बनाने के साथ उद्योग चलाने वाले मालिकों को इनकम टैक्स में राहत दी जाए। इससे उद्योग घाटे से बाहर निकलेंगे। आम लोगों की बात करें तो नौकरीपेशा लोग इनकम टैक्स स्लैब में छूट की उम्मीद कर रहे हैं, ताकि लाकडाउन के बाद निजी कंपनियों में कटी सैलरी के बाद में वह अपना परिवार आराम से चला सके।
यह बोले उद्यमी व कारोबारी..
इस बजट में सरकार सभी व्यापारी और कोरोबारियों को राहत दे। प्राकृतिक साम्रगियों का उपयोग इंडस्ट्री में बढ़ाया जाए, ताकि बाहर से मिलने वाले महंगे कच्चे माल से बचा जा सके। कंपनी और साझेदारी व्यापार में इनकम टैक्स स्लैब एक जैसा किया जाए। कंपनी के संचालकों को बैंकों में लोन लेने की प्रक्रिया सरल हो। असुरक्षित ऋण पर लगी पाबंदियां भी उद्यमियों के लिए हटाई जाए।
- भीमसैन कंसल, उद्यमी
केंद्र सरकार का आम बजट लाकडाउन में हुए नुकसान की भरपाई करने वाला हो। कपड़े, बर्तन व ज्वैलरी आदि सामग्री पर लगने वाली जीएसटी में राहत दी जाए, ताकि घटे में चल रहे व्यापार को उठाया जा सके। वहीं आवश्यक खाद्य सामग्रियों पर टैक्स हटाकर उन्हें उपभोक्ताओं के लिए सस्ता करने पर विचार किया जाए।
- राहुल गोयल, महासचिव, भगतसिंह रोड व्यापार मंडल