गुड़ व खांडसारी उद्योग की दशा सुधारने वाला हो बजट
गुड़ की मिठास के लिए जनपद देश ही नहीं विदेशों तक प्रसिद्ध है। यहां एशिया की सबसे बड़ी मंडी है। जिले की हरियाली व खुशहाली भी गुड़ एवं खांडसारी उद्योग में ही निहित है। एक जनपद एक उत्पाद के लिए भी गुड़ का ही चयन किया गया है। एक फरवरी को पेश होने वाले बजट में वित्त मंत्री जी कोई ऐसी योजना लाएं जिससे गुड़ उद्योग को बढ़ावा मिले और नई खांडसारी इकाइयां स्थापित हो सकें।
मुजफ्फरनगर, जेएनएन । गुड़ की मिठास के लिए जनपद देश ही नहीं विदेशों तक प्रसिद्ध है। यहां एशिया की सबसे बड़ी मंडी है। जिले की हरियाली व खुशहाली भी गुड़ एवं खांडसारी उद्योग में ही निहित है। एक जनपद एक उत्पाद के लिए भी गुड़ का ही चयन किया गया है। एक फरवरी को पेश होने वाले बजट में वित्त मंत्री जी कोई ऐसी योजना लाएं जिससे गुड़ उद्योग को बढ़ावा मिले और नई खांडसारी इकाइयां स्थापित हो सकें। नवीनतम तकनीक से कोल्हू लगाने, गुड़ से बने विभिन्न उत्पादों को तैयार कराने के लिए सस्ती दरों पर लोन उपलब्ध कराए जाएं। इस उद्योग में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। कोल्हू से लेकर मंडी तक लाखों लोग रोजगार से जुड़े रहते हैं। यह उद्योग और अधिक बढ़ावा मिलेगा तो ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को रोजगार मिलेगा। बेरोजगारी की समस्या भी कम होगी। बजट गुड़ व खांडसारी उद्योग की दशा सुधारने वाला होना चाहिए। खांडसारी उद्योग की दशा सुधरेगी तो देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।
द गुड़ खांडसारी एंड ग्रेन मर्चेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय मित्तल ने केंद्रीय वित्त मंत्री से मंडी के विकास के लिए गुड़ को कृषि उत्पाद घोषित करने की मांग की। मंडी जीरो प्रतिशत से कर मुक्त घोषित हो। व्यापारियों के लिए इनकम टैक्स की छूट सीमा पांच लाख से बढ़ाकर आठ लाख की जाए। छूट सीमा फ्लैट हो। 40 साल से ऊपर के व्यापारी को पेंशन की सम्मानजनक व्यवस्था हो। मुद्रा लोन का सरलीकरण किया जाए। टोल टैक्स की दरें पूरे देश में एक समान हों।
द गुड़ खांडसारी एंड ग्रेन मर्चेंट्स एसोसिएशन के मंत्री श्याम सिंह सैनी का कहना है कि वैसे तो मंडी राज्य सरकार के अधीन आती हैं। बजट केंद्र सरकार पेश कर रही है। फिर भी वित्त मंत्री जी मंडियों के लिए ऐसा बजट प्रस्तुत करें ताकि मंडी में पुन: रौनक लौट सके। इस उद्योग को पंख लग सकें। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार गुड़ को कृषि उपज मानकर उस पर ढाई प्रतिशत मंडी शुल्क वसूल कर रही है और भारत सरकार गुड़ को कृषि उपज न मानकर गुड़ के क्रय विक्रय, भंडारण और परिवहन आदि सेवाओं पर 18 प्रतिशत जीएसटी वसूल कर रही है। यह विरोधाभासी स्थिति है। उन्होंने वित्त मंत्री से गुड़ को कृषि उत्पाद घोषित करने तथा मंडियों से मंडी शुल्क समाप्त किए जाने की मांग की।
उद्यमी सत्यप्रकाश रेशू का कहना है कि वित्त मंत्री जी बजट में देश की अर्थव्यवस्था सुधारने के बिदुओं पर ध्यान देना दें। आगामी एक फरवरी को पारित होने वाले आम व रेलवे बजट में वित्त मंत्री से जीएसटी का सरलीकरण करने, जीएसटी दर कम करने, कागजी कार्रवाई कम से कम करने, अनावश्यक कानूनों को तत्काल प्रभाव से समाप्त करने, अनेक असुविधाओं को स्थानीय स्तर के अधिकारियों को समाधान करने का अधिकार देने, न्यायालयों में उद्योग एवं व्यापार जगत को होने वाली प्रक्रियाओं का सरलीकरण करने, जनता तक सरकार की सुविधाएं पहुंचे, इसके लिए लोहा, पेपर व खांडसारी उद्योग को आगे बढ़ाने के लिए मल्टीपल स्कीम बजट में दी जाए ताकि बड़े उद्योग खड़े हो सकें। ग्रामीण व कुटीर उद्योगों का आधुनिकीकरण हो सके।