भाकियू तोमर ने दिखाई ताकत, उचित मुआवजा न मिलने का विरोध
डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के लिए में अधिग्रहीत की गई भूमि के उचित मुआवजे की मांग को लेकर भाकियू तोमर के कार्यकर्ताओं ने डीएफसी के निर्माणस्थल पर धरना दिया।
मुजफ्फरनगर, जेएनएन। डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के लिए में अधिग्रहीत की गई भूमि के उचित मुआवजे की मांग को लेकर भाकियू तोमर के कार्यकर्ताओं ने डीएफसी के निर्माणस्थल पर धरना दिया। समस्या का समाधान न होने पर अगली बार रेलवे ट्रैक पर तंबू लगाकर धरना देने की चेतावनी दी। एडीएम प्रशासन के आश्वासन पर धरना खत्म हुआ। उन्होंने शीघ्र रेलवे अधिकारियों और किसान प्रतिनिधि मंडल की वार्ता करवाने का भरोसा दिया। एडीएम को मुआवजे की मांग को लेकर एक ज्ञापन दिया गया।
मालगाड़ियों के लिए अलग से रेलवे लाइन बिछाने की योजना डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के लिए काम चल रहा है। डीएफसी के लिए कई गांवों के किसानों की भूमि अधिग्रहीत की गई। उचित मुआवजे की मांग को लेकर भाकियू तोमर आंदोलित हैं। रविवार को प्रशासन और किसानों के बीच वार्ता हुई थी। मुआवजे के मुद्दे पर सहमति न बनी। भाकियू तोमर कार्यकर्ताओं ने शरीर पर केरोसिन डालकर प्रदर्शन की चेतावनी दी थी। सोमवार को भाकियू तोमर कार्यकर्ता और किसान डीएफसी के निर्माणस्थल पर पहुंचे। यहां उन्होंने धरना दिया। भाकियू तोमर के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजीव तोमर ने कहा कि किसानों का शोषण नहीं हो सकता। उनका एक-एक रुपया मिलेगा। किसानों की जबरदस्ती जमीन लेने का प्रयास किया तो भाकियू तोमर खुलकर मैदान में आएगी। भाकियू तोमर के जिलाध्यक्ष अखिलेश चौधरी व ब्लाक अध्यक्ष विशाल अहलावत ने कहा कि अधिग्रहित की गई भूमि के उचित मुआवजे को लेकर कई बार वार्ता हो चुकी, पर कोई सुनवाई नहीं हो रही। किसानों के प्रदर्शन की सूचना पर एडीएम प्रशासन अमित कुमार, एसडीएम इंद्रकांत द्विवेद्वी, सीओ आशीष प्रताप सिंह, सीओ कुलदीप कुमार, इंस्पेक्टर खतौली संतोष कुमार त्यागी, मंसूरपुर थाना प्रभारी मनोज कुमार चाहल, सिखेड़ा थाना प्रभारी, भोपा, जानसठ, रतनपुरी, एलआइयू टीम व पीएसी मौके पर पहुंची। एडीएम ने कहा कि मुआवजे को लेकर सुनवाई चल रही है। आर्बीटेशन के मुकदमें लंबित चल रहे है। मामला न्यायालय में है। भूमि के रेट भी बढ़े है। पांच बिदु रेलवे को नोट करा दिए है। उनसे जवाब मांगा गया है। रेलवे अधिकारियों और किसान प्रतिनिधि मंडल की वार्ता करवाई जाएगी। सहमति से समस्या का समाधान होगा। किसानों को उनका हक मिलेगा। अभी छह गांव की सुनवाई हुई है। मुजफ्फरनगर के अधिकारियों व अधिवक्ताओं को शामिल नहीं किया गया है। उसमें मेरठ की टीम लगी है। भाकियू तोमर ने एडीएम को अधिग्रहीत भूमि के उचित मुआवजे को लेकर एक ज्ञापन दिया।