भाकियू अध्यक्ष बोले, हम भी हैं श्रीराम के वंशज; सुप्रीम कोर्ट को सुबूत देने को तैयार Muzaffarnagar News
अयोध्या मसले पर मध्यस्थता से हल नहीं निकलने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में रोज सुनवाई का निर्णय लिया है। इस बीच भाकियू अध्यक्ष ने श्रीराम का वंशज होने का दावा किया है।
By Prem BhattEdited By: Published: Sat, 17 Aug 2019 10:45 AM (IST)Updated: Sat, 17 Aug 2019 10:45 AM (IST)
मुजफ्फरनगर, जेएनएन। देश के कई परिवारों में भगवान श्रीराम के वंशज होने को लेकर दावेदारी की जा रही है। इसी कड़ी में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने भी खुद को श्रीराम का वंशज होने का दावा किया है। कहा कि यदि सुप्रीम कोर्ट उनसे सुबूत मांगता है तो वह उसे प्रस्तुत करेंगे। उनके पास कई सौ पीढ़ियों की वंशावली है। बोले कि राम मंदिर अयोध्या में ही बनना चाहिए। उसके एक-दो किलोमीटर के क्षेत्र में बाबरी मस्जिद भी बना दी जाए।
कई सौ पीढ़ियों की वंशावली
शुक्रवार को ऋषभ कॉलोनी स्थित अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत में चौधरी नरेश टिकैत ने कहा कि बालियान खाप में 84 गांव हैं। सभी का गौत्र रघुवंशी है। कई सौ पीढ़ियों की वंशावली भी उनके पास है। कोई शासक आया होगा, जिसने अयोध्या में मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई। यदि हमारी भी मध्यस्थता होती तो हम ही इस मामले को सुलझाते, क्योंकि वह हमारे पूर्वज रहे हैं।
अयोध्या चलने और पंचायत करने को तैयार
नरेश टिकैत ने अफसोस जाहिर किया कि श्रीराम शांतिप्रिय थे। लड़ाई-झगड़ा पसंद नहीं करते थे। उनके मंदिर पर विवाद क्यों रखा जाए? सारे सुबूत मिल रहे हैं। वह माननीय सुप्रीम कोर्ट की कद्र करते हैं। इसका सही निर्णय निकलेगा। इस पर देश-विदेशों की निगाह टिकी हैं। कहा कि अगर अयोध्या जाने की बात है तो वह चलेंगे और पंचायत भी करेंगे। सहयोग भी देंगे। इतना बड़ा विवाद नहीं, इसे तो हम ही सुलझा देंगे।
कई सौ पीढ़ियों की वंशावली
शुक्रवार को ऋषभ कॉलोनी स्थित अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत में चौधरी नरेश टिकैत ने कहा कि बालियान खाप में 84 गांव हैं। सभी का गौत्र रघुवंशी है। कई सौ पीढ़ियों की वंशावली भी उनके पास है। कोई शासक आया होगा, जिसने अयोध्या में मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई। यदि हमारी भी मध्यस्थता होती तो हम ही इस मामले को सुलझाते, क्योंकि वह हमारे पूर्वज रहे हैं।
अयोध्या चलने और पंचायत करने को तैयार
नरेश टिकैत ने अफसोस जाहिर किया कि श्रीराम शांतिप्रिय थे। लड़ाई-झगड़ा पसंद नहीं करते थे। उनके मंदिर पर विवाद क्यों रखा जाए? सारे सुबूत मिल रहे हैं। वह माननीय सुप्रीम कोर्ट की कद्र करते हैं। इसका सही निर्णय निकलेगा। इस पर देश-विदेशों की निगाह टिकी हैं। कहा कि अगर अयोध्या जाने की बात है तो वह चलेंगे और पंचायत भी करेंगे। सहयोग भी देंगे। इतना बड़ा विवाद नहीं, इसे तो हम ही सुलझा देंगे।
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